पूर्णिया/बिहार- कहने को तो पूर्णिया स्मार्ट सिटी है पर हालत पर गौर किया जाय तो यहाँ की ट्रैफिक व्यवस्था छोटे शहरों से भी ज्यादा चरमराई हुई है। इतना बड़ा शहर होने के बाबजूद कही भी फ्लाईओवर नही है। जिस कारण हर रोज लोग जाम में फंसकर अपना कीमती समय बर्बाद करते है। जिसकी खबर न तो राज्य सरकार को हैं , और न ही जिला प्रशासन को। लोग हर दिन रोजमर्रा की जिंदगी के लिए मधुबनी बाजार , भट्टा बाजार,आर अन शाह चौक , गिरजा मोड़ से लेकर लाइन बाजार, खुश्की बाग, कटिहार मोड़ गुलाब बाग से अपने स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, कचहरी, अस्पताल के लिए निकलते हैं। और जाम के कारण लेट होते हैं जिसका सीधा असर उनके कामकाज पर दिखाई देता है। चौराहे पर ट्रैफिक इस प्रकार फंस जाती है कि इसको छूटते छूटते घंटो लग जाती है। यहाँ तक कि हर दूसरे दिन किसी न किसी दुर्घटना की खबर सामने आती हैं और लोग सरकार और प्रशासन को कोसते हैं फिर अपनी मंजिल के लिए निकल जाते है। सही मानें तो पूर्णिया के लोग इस प्रकार की जिंदगी जीने के लिए आश्वस्त हो चुके है। जब इस संदर्भ में स्थानीय सुमन सिंह , पंकज कुमार , मनीष तिवारी से बात की तो उन्होंने बताया कि हमलोगों को वर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा ने आश्वासन दिलाया था कि पूर्णिया में रोजाना लग रही जाम से निजात दिलवाएंगे पर शायद वो सब वोट लेने की राजनीति थी । 4 साल बीतने को है और अब अगले चुनाव की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। पर पूर्णिया में जाम की स्तिथि जस की तस है।
लोगो का कहना है कि किस नेता पर भरोसा किया जाय। किससे उम्मीद किया जाय। नेता चाहे किसी भी पार्टी का हो सब एक ही है। बस चुनाव के समय लंबी लंबी भाषण दे दिया जाता हैं। और फिर सब विकास की बाते उनके ही झोले में हिलते और डुलते रहते है। गैर किया जाय तो पूर्णिया के किसी भी ट्रैफिक पर पुलिस की निरंतर तैनाती नही रहती है और लोग ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते रहते है।
-पूर्णिया से शिव शंकर सिंह की रिपोर्ट