पुष्पेंद्र की हत्या के गम मे मां ने तोड़ दिया दम, शव लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे परिजन

बरेली। जनपद के थाना भुता के पुष्पेंद्र की हत्या के बाद अब मां नारायणो देवी पति बाबूराम ने भी दम तोड़ दिया। नारायणो देवी का शव लेकर परिवार वाले एसएसपी कार्यालय पहुंचे। हत्या के मामले मे फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। पुष्पेंद्र की पत्नी संगीता गंगवार ने बताया कि बेटे के गम मे मां नारायणो देवी ने रविवार की रात दम तोड़ दिया। देवर की करीब तीन साल पहले हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने पति पुष्पेंद्र की हत्या कर दी। पुष्पेंद्र के परिजन मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने और उनके घरों पर बुलडोजर न चलने से नाराज है। मृतक की पत्नी संगीता गंगवार का कहना है कि विपिन, सिपिन और गौरव मुख्य आरोपी है। इनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे उनके परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। पुष्पेंद्र के परिवार वालों ने एसएसपी कार्यालय पहुंचकर फरार चल रहे आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। आपको बता दें कि पुष्पेंद्र हत्याकांड के तीन और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर चुकी है। पूछताछ में तीनों ने कुबूल किया कि पुष्पेंद्र उनके खिलाफ चल रहे दो मुकदमों में गवाह थे। इनमें से विनोद की हत्या के केस में सजा होने के डर से उन्होंने हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल के घर में बैठकर पुष्पेंद्र की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने पूछताछ के बाद रविवार को ही तीनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चंदपुर का भीमसेन उर्फ गुड्डू, खरदाह के गंगेश और अवधेश शामिल है। थाना प्रभारी राजकुमार सिंह के मुताबिक तीनों को रविवार को गांव रावल के पास दबिश देकर दबोचा गया। पुलिस के अनुसार पूछताछ मे आरोपियों ने बताया कि पुष्पेंद्र के भाई विनोद की हत्या में पवन, हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल और उसका भाई अर्जुन नामजद थे। जिनमें से पवन पहले से जेल मे है। एक दूसरे मुकदमे मे सिपिन उर्फ राजू, संतोष और गौरव के विरुद्ध भी पुष्पेंद्र की गवाही होनी थी। इन दोनों मुकदमों मे हिस्ट्रीशीटर पूरनलाल के भाई अर्जुन, विपिन, संतोष, सिपिन, गौरव को सजा होने का अंदेशा था। इसी के चलते करीब महीने भर पहले पूरनलाल के घर पर बैठकर अर्जुन, सिपिन, विपिन, गौरव, देवेंद्र, पूर्व प्रधान संतोष, अवधेश, रविंद्र, बृजेश उर्फ बिरजू की मौजूदगी में पुष्पेंद्र की हत्या करने की साजिश रची थी। साजिश रचने के बाद पूरनलाल अपने बचाव के लिए एक दूसरे केस में आत्मसमर्पण कर जेल चला गया। कुछ दिन बाद गंगेश और अवधेश परेवा के रविंद्र के साथ पूरनलाल और पवन से मिलने जिला जेल गए थे। तभी पूरनलाल और पवन ने कहा था कि पुष्पेंद्र को मार दो, वरना वे लोग जेल में ही रहेंगे। लौटकर उसी दिन उन्होंने सिपिन, विपिन, गौरव को इस बारे में बताया। पांच नवंबर को अचानक पुष्पेंद्र के खरदाह आने की सूचना मिली तो सिपिन, विपिन, गौरव बरेली जाने वाले रास्ते पर घात लगाई। पुष्पेंद्र गांव से बाइक पर बरेली जाने के लिए निकले, तभी गौरव, सिपिन, विपिन हथियारों से लैस होकर बाइक से उनके पीछे लग गए। बीसलपुर रोड पर गांव नवदिया के पास उन्होंने पुष्पेंद्र को घेरा और ताबड़तोड़ गोलियां मारकर फरार हो गए थे। सिपिन और गौरव सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।।

बरेली से कपिल यादव

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