बरेली। स्वास्थ्य विभाग की जांच मे सीएचसी मीरगंज मे डिलीवरी कराने वाली महिला के परिजनों से रुपये लेने की पुष्टि हुई। सीएमओ के निर्देश पर चिकित्सा अधीक्षक ने दोषी कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने आरोपी स्टाफ नर्स एवं आशा को गिरफ्तार कर लिया। इधर दोनों की गिरफ्तारी से आक्रोशित स्टाफ ने सीएचसी मे प्रदर्शन कर कार्य बहिष्कार कर दिया। जिला पंचायत सदस्य निरंजन यदुवंशी ने 16 सितंबर को एक्स पर नथपुरा निवासी उमेश का प्रार्थना पत्र एवं वीडियो पोस्ट किया। उन्होंने नथपुरा की अनीता की डिलीवरी के बाद परिजनों से सीएचसी मे 5000 रुपये वसूलने की शिकायत की थी। जिलाधिकारी के निर्देश पर सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डा.पवन कपाही एवं डा.लईक अहमद से आरोप की संयुक्त जांच कराई। जांच मे डिलीवरी को सीएचसी मे भर्ती अनीता के परिजनों से वसूली करने के आरोप की पुष्टि हुई। जांच मे वसूली को नथपुरा की आशा एवं स्टाफ नर्स को दोषी माना। जांच मे स्पष्ट हुआ आशा ने अनीता के परिजनों से पांच हजार रुपयों की रिश्वत ली। इसमे स्टाफ नर्स की मिलीभगत एवं संलिप्ता मिली। दोनों डिप्टी सीएमओ ने 20 सितंबर को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी। सीएमओ के निर्देश पर सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. विनय कुमार पाल ने आरोपियों के खिलाफ थाने मे तहरीर दी। पुलिस ने चिकित्सा अधीक्षक की तहरीर पर आरोपी नथपुरा की आशा रीतू और सीएचसी की स्टाफ नर्स निहारिका यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। अधीक्षक द्वारा दर्ज मुकदमा मे कहा है दोनों ने एक राय होकर भ्रष्टाचार किया। पुलिस ने शनिवार को सीएचसी से आरोपी आशा एवं स्टाफ नर्स को गिरफ्तार कर लिया। उमेश का आरोप है कि डिलीवरी को अस्पताल मे भर्ती उसकी पत्नी से 10 हजार रुपये की मांग की। गिड़गिड़ाने पर पांच हजार रुपये लिए। इससे आक्रोशित होकर जिला पंचायत सदस्य एवं विहिप नेता रवि गंगवार ने सीएचसी मे धरना दिया। धरना देने पर एसडीएम तृप्ति गुप्ता सीएचसी पहुंची। एसडीएम के पहुंचने पर वसूली करने वालों ने उमेश को दो बार मे रुपये लौटा दिए। डिप्टी सीएमओ के सीएचसी पहुंचने पर उमेश ने बयान दर्ज कराते समय 5000 रुपये वसूलने की बात कही।।
बरेली से कपिल यादव