शाहजहांपुर – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही आम और खास के बीच के फासले को खत्म करने की पुरजोर कोशिश की हो लेकिन सरकार के नुमाइंदे ही सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाने पर लगे हुए हैं बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीआईपी कल्चर को खत्म करते हुए नीली बत्ती हूटर का प्रयोग पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया था सिर्फ और सिर्फ इमरजेंसी सेवाओं और फील्ड यूनिट कोई आपातकाल के दौरान होटल वह बत्ती का आदेश है, पीएम की पायल के बाद कई राज्यों में चीज को लागू किया गया और सबसे पहले उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीआईपी कल्चर का पालन सूबे में कराया था लेकिन अब भी प्रधानमंत्री के कई सांसद ऐसे हैं जो वीआईपी कल्चर के मोह से बाहर नहीं आ पा रहे हैं, और इन सांसद से जब वीआईपी कल्चर के बारे में पूछा जाता है तो यह अपनी मजबूरी बता कर मामले को खत्म करने की कोशिश करते हैं।
इन तस्वीर को गौर से देखिए कानून का मजाक उड़ाती है तस्वीर है और कहीं नहीं बल्कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय की हैं जहां पर किसी निजी काम से आए मिश्री के सांसद अंजू बाला ने पुलिस दफ्तर के अंदर अपनी इन दो कारों को खड़ा किया है जिसको देखकर आप अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से कानून की धज्जियां खुद कानून के दफ्तर में उड़ाई जा रही हैं इन दोनों ही कारों पर दो दो हूटर ऊपर की तरफ लगाए गए हैं क्योंकि साहब सांसद हैं लिहाजा इनको कार्यवाही का कोई डर नहीं पुलिस कार्यालय हो न्यायालय हो या भरा समाज इनको ज़रा भी फिक्र नही क्योंकि ये खुद ही सिस्टम है, लेकिन सवाल फिर वही आकर खड़ा होता है, कि जब देश के पीएम सूबे के सीएम ही वीआईपी कल्चर को त्याग चुके है जनपद के प्रतिनिधि क्यों वीआईपी कल्चर का मोह नहीं त्याग पा रहे हैं, पीएम और सीएम के आदेश के बावजूद कानून के रखवाले क्यों कानून के धज्जियां उड़ाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने में असहज महसूस करते हैं बरहाल वीआईपी कल्चर को खत्म करने के दावे किए जाते हो आम और खास के बीच दूरियों को बांटने की कसमें खाई जाती हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।
हालांकि इस बाबत जब मिश्रिख से बीजेपी सांसद अंजू बाला से पूछा गया कि उन्होंने अपनी दो दो गाड़ियों में दो-दो हूटर क्यों लगवा रखे हैं तो उन्होंने बड़ी सफाई से जवाब देते हुए कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में 3 जिले लगते हैं जिनमें मिश्रित हरदोई और बिल्हौर आता है लिहाजा उन्हें आने जाने में ट्रैफिक का सामना करने में बड़ी दिक्कत होती है लिहाजा इन होटलों की मदद से वह जल्दी अपने क्षेत्र में पहुंचती हैं।
रिपोर्ट आशीष कुमार सिंह हरदोई