आगरा- जनपद आगरा के तहसील बाह क्षेत्र में सरकारी स्कूलों की स्थिति में सुधार होने का नाम नहीं ले रहा है। सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं खुलेआम दबंगई करते हुए देखे जा सकते हैं।सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी लगातार सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक स्तर को सुधारने के लिए प्रयास करने में लगे हुए हैं।वहीं सरकार के ही नुमाइंदे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से दूर भाग रहे हैं। लगभग 18 माह के बाद बुधवार से यानी 1 सितंबर से परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों का भौतिक रूप से शैक्षणिक कार्य प्रारंभ हो रहा है जिसे लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी द्वारा विद्यालयों में समस्त तैयारियां करने के दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके इन विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं विद्यालयों में न जाकर घर बैठे ही कागजी औपचारिकता पूरी दिखा रहे हैं। जबकि धरातल पर स्थिति चिंतनीय है। आज मंगलवार को जब विद्यालयों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पत्रकार प्राथमिक विद्यालय विक्रमपुर घाट पर पहुंचे तो 10 बजे तक विद्यालय में ताला पड़ा हुआ था और शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद नहीं थे। कवरेज के दौरान ही प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक संदीप गुलारिया आ पहुंचे और पत्रकारों को कवरेज करते देख आग बबूला हो गए। और उन्होंने पत्रकारों को हड़काना शुरु कर दिया और उनका कैमरा छीनने का प्रयास किया।एक अन्य विद्यालय प्राथमिक विद्यालय विक्रमपुर पर भी ताले पड़े हुए थे और शिक्षक शिक्षिका विद्यालय में मौजूद नहीं थे। अन्य विद्यालय प्राथमिक विद्यालय खुशी लालपुरा में भी विद्यालय में ताले पड़े हुए थे और शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद नहीं थे। विद्यालयों में ताले पड़े रहना और शिक्षक शिक्षिकाओं का विद्यालय न जाना यह क्षेत्र में कोई नई बात नहीं है यह आम बात है। जहां इन विद्यालयों की कई बार सोशल मीडिया और मीडिया में खबरें वायरल होने के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा इन पर कार्यवाही नहीं की जा सकी है।विभागीय अधिकारियों द्वारा इन दबंग शिक्षक शिक्षिकाओं पर कार्यवाही न किए जाना विभागीय अधिकारियों के ऊपर भी प्रश्न खड़े कर रहा है। एक ओर ये शिक्षक शिक्षिकाएं जो कि अपने बच्चों का भविष्य सवारने के लिए महंगे से महंगे कान्वेंट स्कूलो में अच्छी से अच्छी शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं वही दूसरी ओर अन्य बच्चों के भविष्य और शिक्षा की बात आती है जिनकी इनके ऊपर जिम्मेदारी है कि यह अपने तैनाती वाले विद्यालयों में बच्चों को अच्छी शिक्षा दें। ऐसे में यह शिक्षक शिक्षिकाएं अपने कर्तव्यों से कोसों दूर भागते हुए नजर आते हैं। कहीं न कहीं सरकार को विद्यालयों के ऐसे दबंग शिक्षकों और शिक्षिकाओं के रवैया पर संज्ञान लिए जाना जरूरी है जिससे कि देश नौनिहालों का भविष्य सवर सके।
– आगरा से योगेश पाठक