परचम कुशाई से तहसीनी उर्स का हुआ आगाज, ऑनलाइन भी सजेगी महफिल

बरेली। दरगाह तहसीनी पर तीन दिवसीय उर्से तहसीनी का परचम कुशाई की रस्म से आगाज हो गया। सोमवार की सुबह फजर की नमाज के बाद कुरानख्वानी आ आयोजन किया गया। उसके बाद दरगाह परिसर में ही इशा की नमाज के बाद तरही नातिया मुशायरे की नूरानी महफिल सजी। सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने कहा है कि उर्स की सभी कार्यक्रम ऑनलाइन भी होंगे। उन्होंने अकीदतमंदों से अपील की है कि जहां इंटरनेट की सुविधा है वहां पर अकीदतमंद ऑनलाइन की ही शिरकत करे। शाहदाना रेलवे ग्राउंड और दरगाह तहसीनी पर चल रहे उर्स ए तहसीनी के पहले दिन सोमवार को दरगाह पर कुरान ख्वानी और नातो मनकबत के नजराने पेश किए गए। फातिहा और सलातो सलाम के बाद मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने दुआ फरमाई। कुरआनख्वानी में यादगारे तहसीने मिल्लत जामिया तहसीनिया जियाउल उलूम के असातिजा (अध्यापकगण) और तलबा (छात्रों) ने हिस्सा लिया। उसके बाद रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अधिकारी जहीर अहमद की तरफ से लंगर तकसीम किया गया। इस मौके पर मौलाना खुर्शीद मिस्बाही, मुफ्ती खुर्शीद मुस्तफा, मौलाना शकील मिस्बाही, मुफ्ती ज़ुल्फ़िक़ार साहब, मौलाना युनूस साहब सहित तमाम अकीदतमंद मौजूद रहे। इसी बीच उमरिया सैदपुर से मदरसा फैज़ान ए सदरुल उलमा की टीम ने चादरपोशी और गुलपोशी की। मगरिब की नमाज के बाद मुफ्ती शकील अहमद मिस्बाही की मौजूदगी में हलका ए जिक्र हुआ। इशा की नमाज के बाद खानकाह में जशन ए नातो मनकबत और मुशायरे की नूरानी महफिल सजाई गई। जिसका आगाज तिलावते कुरान से हुआ। शायरों ने अपने अपने खास अंदाज में नातो मनकबत के नजराने पेश किए। नश्तर बरेलवी ने पढ़ा – है रजा का दर नश्तर, है यही मेरा रहबर, जाती है यहीं होकर राह भी मदीने में। मौलाना हसन रजा खां ने कहा – रात दिन बुहारूं मैं, कुचा ए दरे जानां, काश यूं बसर हो जिन्दगी मदीने में। मौलाना सगीर अख्तर,नवाब अख्तर, असरार नसीमी, बिलाल राज, दुलारे फारूकी, हयात बरेलवी, डॉ. अदनान, राहिल बरेलवी, शकील असर नूरानी, नजर बरेलवी आदि ने कलाम पेश किए। संचालन असरार नसीमी ने किया। मुशायरा देर रात तक जारी रहा। सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी ने बताया कि उर्स के सभी प्रोग्राम ऑनलाइन लाइव भी होंगे। उन्होंने अकीदतमंदों से अपील की है कि उर्स ए तहसीनी में कोविड19 की जरूरी गाइडलाइंस का ख्याल रखा जाए। इसी का ख्याल रखते हुए इस साल नए शहर से आने वाला जुलूस ए परचम भी नहीं निकाला गया। सज्जादनशीन ने कहा है कि अकीदतमंद वुजू के साथ उर्स में शामिल हो। उर्स में ऑनलाइन शिरकत के लिए https://mixlr.com/madarsa-faizane-tajushsharia-kalewadi, http://www.alahazrat.org, http://www.kanzuliman.org/live पर जाकर देख सकते है।।

बरेली से कपिल यादव

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