बरेली। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल डिग्री नहीं बल्कि देश, समाज, किसान और पशुपालक कल्याण की जिम्मेदारी है। स्वामी विवेकानंद की बातें दोहराते हुए कहा, ‘आप राष्ट्र के भविष्य हैं। आप जो सोचेंगे, वही बनेंगे। देश को ऐसे वैज्ञानिकों की जरूरत है जो ज्ञान को सेवा में बदलें। वैज्ञानिकों को परंपरागत पद्धति को तकनीक से जोड़कर शोध करने की सलाह दी। उन्होंने कहा, कि देश में 300 से अधिक अभिनव कृषि प्रयोग किसानों ने खुद किए हैं, जिन्हें वैज्ञानिकों के सहयोग से और अधिक परिष्कृत करने की आवश्यकता है। इससे इन प्रयोगों को तकनीक और तर्क का सहारा मिलेगा। वैज्ञानिकों की 2,000 टीमें गठित करके उन्हें हर जिले में भेजा जाएगा। जो स्थानीय किसानों को आधुनिक कृषि, उन्नत नस्लों, तकनीकी खेती और बागवानी के विषय में जानकारी देंगी। वैज्ञानिक अब सिर्फ लैब में सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि खेत और खलिहान तक जाकर किसानों से जुड़ेंगे। उनकी जरूरत के हिसाब से शोध करेंगे।।
बरेली से कपिल यादव