*पत्रकार के खिलाफ FIR की आलोचना, सरकार से हस्तक्षेप की मांग*
*मिड डे मील मामले में में आरोपी बनाए गए पत्रकार ने कहा खबर लिखना भी गलत है क्या*
*उसी पत्रकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया गया जिसने नकारा सरकारी तंत्र का वीडियो बनाकर सत्य से समाज को रूबरू कराया*
मीरजापुर/वाराणसी- प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के ग्रामीण बेनीपुर में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बैठक कर मिर्जापुर के पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज कराने पर योगी सरकार की कड़ी आलोचना की है. और सरकार से मांग की है कि वह इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करवा कर एफआईआर वापस करवाए।
शिक्षा विभाग के खंड शिक्षा अधिकारी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर में अखबार की उस पत्रकार का नाम भी शामिल है जिसने इस मामले का खुलासा अपनी खबर में किया।सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने योगी सरकार के इस कदम को प्रेस की आजादी पर हमला करार दिया है. गुप्ता ने एक बयान में कहा है कि यह कदम सरकारी योजनाओं की खोजी पत्रकारिता को रोकने की कोशिश है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी केस वापस लिए जाने को लेकर सरकार से दखल की मांग की और कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने यूपी के मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा की है. एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर कदम बताया है. बता दें कि मिर्जापुर में स्थित एक प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाने का मामला सामने आया था.
पत्रकार पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके और गलत मंशा से स्कूल में बच्चों के मिड-डे-मील का वीडियो बनाया और उनका साथ गांव के प्रधान ने भी दिया. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट शेखर गुप्ता, जनरल सेक्रटरी एके. भट्टाचार्य और ट्रेजरार शीला भट्ट ने एक लेटर जारी करके यूपी सरकार के इस कदम को निंदनीय और क्रूर बताया है. साथ ही कहा कि लोकतांत्रिक समाज में निर्भीक पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है.
इस बीच बनारस की मानवाधिकार संस्था पीवीसीएचआर द्वारा इस एफआइआर को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की गयी शिकायत का आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग ने मामले को डायरी संख्या 10501/IN/2019 के तहत दर्ज कर लिया है।
मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को नमक-रोटी बांटने का विडियो बनाकर खुलासा करने वाले स्थानीय पत्रकार पर जिला प्रशासन ने कई आपराधिक मामले दर्ज करवा दिए हैं। दूसरी ओर, पत्रकार ने एक विडियो जारी कर जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है। पवन जायसवाल नाम के स्थानीय पत्रकार का आरोप है कि जिला प्रशासन ने किरकिरी होते देख उनके ऊपर ये मुकदमे दर्ज करवाए हैं। पवन ने कहा कि वह तो केवल खबर के लिए स्कूल गए थे जो कि उनकी ड्यूटी थी। जाने से पहले उन्होंने असिस्टेंट बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) ब्रजेश सिंह को फोन करके सूचना भी दी थी।
बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, आजाद भारत समिति के बाबू अली साबरी, कस्तूरबा सेवा समिति के विनोद कुमार, समद नेता, आबिद शेख, नवाजिश अली, आसिफ अली, अब्दुल अंसारी आदि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय के साथ(राजकुमार गुप्ता) वाराणसी