बरेली। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बुधवार को मुख्य अभियंता कार्यालय में पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के निजीकरण का जमकर विरोध किया। संघर्ष समिति के मध्यांचल संयोजक राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि विद्युत प्रशासन ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों को देकर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है। जिससे प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बिजली कर्मी पिछले सात माह से लगातार आंदोलन कर रहे है लेकिन उनसे वार्ता नही की गई है। संयोजक विपुल शुक्ला ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और शासन के कुछ बड़े अधिकारियों की कुछ चुनिंदा निजी घरानों के साथ मिलीभगत है। कहा कि निजीकरण के विरोध में 9 जुलाई को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की जाएगी। प्रदेश विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज सिंह ने कहा कि निजीकरण के बाद यहां के उपभोक्ताओं की सब्सिडी समाप्त होने का अर्थ होगा कि उपभोक्ताओं को 10 से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर पर बिजली खरीदनी पड़ेगी जो वे नहीं कर पाएंगे। इस प्रकार उत्तर प्रदेश की गरीब जनता को लालटेन युग में धकेला जा रहा है। इस मौके पर वैभव, अनुज सक्सेना, इशरार अहमद, इंजी. अंकित गंगवार पूनम पांडे, नीमा आदि शामिल हुए। सभा की अध्यक्षता वी के ग्वाल व संचालन विपुल शुक्ला ने किया।।
बरेली से कपिल यादव