बरेली। रेलवे में निजीकरण और महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की मांग को लेकर नरमू ने सोमवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान रेल कर्मियों ने काला फीता बांधकर विरोध जताया। एआईआरएफ के आह्वान पर नरमू द्वारा पिछले छह दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा था। कोविड प्रोटोकॉल के तहत रेल कर्मचारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सिर्फ हर ब्रांच पर काला बैज और फीता बांधा और प्रतीकात्मक विरोध जता रहे है। इस अवसर पर नरमू के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने बताया कि इस आपात स्थिति में जहां एक ओर भारत सरकार को रेलवे कर्मचारियों के हित के बारे में सोचना चाहिए वहीं ऐसा न कर भारत सरकार द्वारा रेलवे कर्मचारियों के डेढ़ वर्ष तक डीए पर रोक लगाकर रेलवे कर्मचारियों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया। यही नहीं चौबीस घण्टे काम करने वाले रेलवे कर्मचारी जो अपनी व अपने परिवार का जीवन खतरे में डालकर देश सेवा में जुटे हुए है। उन्हें कोरोना वारियर्स का सम्मान भी अभी तक नहीं दिया गया। सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का षड्यंत्र कर रही है जिसे आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन/नरमू किसी हाल ने बर्दाश्त नही करेगी। नरमू ने सांय पांच बजे यंत्रालय गेट पर भी काला दिवस मनाकर अपना विरोध दर्ज किया। विरोध दिवस पर नरमू के वी एन सिंह, कामरान अहमद, राम किशोर, रईस अहमद, सीडी अवस्थी, नूतन प्रकाश, परवेज आलम, रोहित सिंह, विपरेन्द्र ठाकुर, धर्मपाल, अनुराग शुक्ला, मनोज कार, सोमनाथ बैनर्जी, जगवीर सिंह यादव, पी के दुबे, राजन कुमार, नत्थू राणा, संतोष, पंकज, जगदीश, दिलीप मित्रा, आराम सिंह, प्रदीप शर्मा, मो.यूनुस, कुलदीप आर्य, रविशंकर राव व नरमू के मीडिया प्रभारी आरिफ हुसैन आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।।
बरेली से कपिल यादव