निकम्मापन: वैश्विक महामारी के समय भी अफसर नहीं संवेदनशील,पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण

*जल संस्थान का निकमापन अधिकारी नही उठाते जनप्रतिनिधियों के फोन

पौड़ी। देश एवं राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार एक्टिव मोड में है,मगर सरकार के जिम्मेदार अधिकारी महामारी के समय मे कोमे में गए है।प्रदेश सरकार लॉकडाउन में फसें दूसरे प्रदेशों व जिलों के लोगों को अपने घर छोड़ रही है,गांव पहुचं रहे लोगो को कोरन्टीन किया जा रहा है।
जनपद पौड़ी के सतपुली व लैंसडौन तहसील के अंतर्गत कांडा पम्पिंग योजना जिससे 15 गाँव के लोगो को पानी की आपूर्ति की जाती है,मगर एक सप्ताह से इस पम्पिंग से गांव में पानी की आपूर्ति नही हो पा रही है,जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है और पानी के लिए भटक रहे है,मगर जिम्मेदार अधिकारी को ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का फोन उठाने का समय ही नही है,लगता है लॉकडाउन में जल संस्थान के अधिकारी कोमे में चले गए है।

-आजकल कोरोना महामारी के चलते पहाड़ो में कई प्रवासी आ चुके हैं

आजकल कोरोना महामारी के समय में बाहर के जिले व प्रदेशों से आ रखे प्रवासियों को स्कूलों में कोरन्टीन किया गया है। ग्राम सभा प्रधान सुरेश चंद्र ने कहा कि उनके द्वारा जल संस्थान कोटद्वार के कनिष्ठ अभियंता को कई बार कॉल की गई लेकिन उक्त अधिकारी द्वारा कॉल रिसीब नही की गई और उसके बाद फोन को स्विच ऑफ कर दिया गया,वही दूसरी और ग्रामीणों ने जल सस्थान कोटद्वार के अधिशासी अभियंता को कई बार फोन किया गया मगर लगता है अभियंता जी लॉकडाउन में कोमे चले गए है।
वही जब अंतिम विकल्प न्यूज़ ने जल संस्थान कोटद्वार के अधिशासी अभियंता को फोन किया गया परन्तु उक्त अधिकारी द्वारा फोन नही उठाया गया।
अब सवाल यह है कि इस महामारी के समय अधिकारी फ़ोन क्यों नही उठा रहे है,क्या इन अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास नही है।

– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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