बरेली। मंगलवार की सुबह तड़के हुई बारिश में नगर निगम के नाला सफाई अभियान को झटका लग गया। एक दिन पहले ही नाले की सफाई के बाद निकाला गया मलबा दोबारा नाले में ही पहुंच गया। दोपहर तक सफाई कर्मी मलबा ही निकालते रहे। इस कारण अन्य जगह सफाई नहीं हो पाई। अब तक करीब 35 फीसदी काम पूरा हुआ है। मंगलवार को नगर आयुक्त ने निगम के स्वास्थ्य व निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ नालों की सफाई के काम की समीक्षा की। उन्होंने अधीनस्थों से युद्धस्तर पर निरीक्षण करने और सफाई के कामों की फोटोग्राफी कराने के निर्देश दिए। शहर में 225 छोटे-बड़े नालों की सफाई का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन अभी कई बड़े नालों की सफाई के साथ एक तिहाई से ज्यादा काम बाकी है। नगर आयुक्त अभिषेक आनंद ने मंगलवार को अपने दफ्तर में निर्माण व स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ चर्चा की। अधिकारियों ने बताया कि बड़े नालों में अभी जाटवपुरा, साहूगोपीनाथ से सुभाषनगर होते हुए राजीव कॉलोनी तक, बीसलपुर रोड से नकटिया तक, आजाद इंटर कॉलेज से नकटिया तक सहित कई जगहों पर नालों की सफाई चल रही है। ज्यादातर बड़े नालों की सफाई में परेशानी यह आ रही है कि उस पर पक्के अतिक्रमण हैं जिसकी वजह से सफाई कर्मचारी व मशीनें सही से नालों से मलबा नहीं निकला पा रही हैं। कुछ दिन पहले श्यामगंज फल मंडी के पास भी दुकानदारों का कब्जा हटाकर नालों की सफाई का काम कराया गया था जिससे सफाई कर्मचारियों की टीम को काम करने में काफी दिक्कत झेलनी पड़ी थी। यही हाल साहू गोपीनाथ सहित कई जगहों के बड़े नालों को लेकर भी है। 15 जून तक नालों की सफाई का काम करीब दो करोड़ रुपये से पूरा करने का लक्ष्य है। अगर समय से पहले बारिश शुरू हो गई तो नालों से मलबा निकालने और उसे तत्काल हटाने की चुनौती नगर निगम प्रशासन के सामने खड़ी होगी। इससे तमाम इलाकों में जलभराव की समस्या भी पैदा होने की संभावना है।।
बरेली से कपिल यादव