नाबार्ड द्वारा किसान उत्पादक कंपनियों के अधिकारियों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

सिरोही/राजस्थान- नाबार्ड की ओर जालोर और सिरोही जिले के पाँच किसान उत्पादक कंपनियों के डायरेक्टर और कार्यकारी अधिकारीयों के लिए सिरोही के एक होटल में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर, अनुपमा जोरवाल तथा विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला कलेक्टर, अशाराम डूडी द्वारा सहभागियों को संबोधित किया गया।
जिला कलेक्टर ने किसानो को अपने कृषि उत्पादो का सही भाव किसान उत्पादक कंपनियों के माध्यम से मिले इस हेतु किसान उत्पादक कंपनियों जैसे नवाचार को उपयोगी बताया साथ ही उन्होने महिला किसानो के किसान उत्पादक कंपनियों से जुडने की सराहना की। किसान उत्पादक कंपनियों के कार्यकारी अधिकारी और निदेशक मण्डल द्वारा उनकी उत्पादक कंपनियों द्वारा की जा रही गतिविधियों के विषय में वहाँ उपस्थित सभी अधिकारियों को अवगत कराया ।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर, अशाराम डूडी ने किसान उत्पादक कंपनियों के गठन को किसान हितकारी बताया एवं इसे दीर्घ अवधि में कैसे सफल बनाए इस पर भी ज़ोर देने के लिए कहा ताकि किसानो द्वारा बनाई गयी ये उत्पादन कंपनियाँ सही रूप से कृषि संबंधी परेशानियों का समाधान कर सके। अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने कहा की किसानों द्वारा बनाई गयी ये कंपनियाँ आगे जाकर विफल न हो इसलिए इन्हे सही दिशा व मार्गदर्शन मिलना चाहिए।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक, जितेंद्र के. मीना ने किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) के गठन, पोषण की प्रक्रिया और इनको बैंको व सरकारी संस्थाओं से मिलने वाली विभिन्न प्रकार की सहायता के विषय में बताया। उन्होने किसान उत्पादक कंपनियों द्वारा इनकम टैक्स अधिनियम, सेल टैक्स अधिनियम एवं रैजिस्ट्रार ऑफ कंपनी को भेजे जाने वाले विभिन्न प्रकार के रिटर्न्स के विषय में बताया। इस अवसर डीडीएम– नाबार्ड ने भारत सरकार द्वारा प्रोड्यूस निधि के अंतर्गत बनाए गए दो किसान उत्पादक कंपनियों के विषय में भी जानकारी दी।
नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक ने बताया की किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ.) को संबंधित राज्य के सहकारी समिति अधिनियम / स्वायत्त या परस्पर सहायता प्राप्त सहकारी समिति अधिनियम अथवा मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट, 2002 अथवा 2013 के संशोधित रूप में भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 581 (सी) के तहत निर्माता कंपनी अथवा भारतीय कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 कंपनी, 2013 में धारा 8 के रूप में संशोधित अथवा समाज पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत सोसाइटी अथवा भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत पंजीकृत सार्वजनिक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत कारया जा सकता है। राष्ट्रीय वस्तु विकास विनिमय (NCDEX), अहमदाबाद से आए अनुपम चतुर्वेदी ने फसलों के इंटरनेट के माध्यम से खरीद फ़रोक्त व वायदा कारोबार के विषय में जानकारी दी। आत्मा परियोजना के डॉ प्रकाश गुप्ता ने भी फसलों के सही भाव को लेकर किसानो को जानकारी कार्यशाला के दौरान दी। इस अवसर पर मनोज कुमार, जिला मार्गदर्शी बैंक,आर. पी. पोरवाल, मरुधरा ग्रामीण बैंक व अन्य उपस्थित थे।
– पत्रकार दिनेश लूणिया

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