आज कल एक ख़बर न्यूज़ पोर्टल को लेकर बहुत शेयर हो रही है कि भारत सरकार के एक मंत्री ने कहा है कि इंटर्नेट पर चल रहे न्यूज़ पोर्टल के रजिस्ट्रेशन का प्रावधान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में नहीं है, और ऐसे पोर्टल फ़र्ज़ी हैं, इनके ख़िलाफ़ कार्यवाही की जाएगी, तो आपको बता दें कि यह ख़बर पूर्णतया भ्रामक और फ़र्ज़ी है, मंत्री ने कहा था कि न्यूज़ पोर्टल चलने पर प्रतिबंध नहीं है, लेकिन पोर्टल को सरकारी सहयोग नहीं मिलेगा, जबकि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सहित देश भर के सभी प्रदेशों में न्यूज़ पोर्टल के लिए गाइड लाइन बन चुकी है, उनको विज्ञापन भी मिल रहे हैं ।
अब दूसरा सवाल की क्या न्यूज़ पोर्टल आई डी कार्ड दे सकते हैं ता नहीं ? तो इसमें भी कोई राकेट साइंस नहीं है, दे सकते हैं और बिलकुल दे सकते हैं, क्यूँकि आई कार्ड कोई भी संस्थान अपने कर्मचारियों की पहचान के लिए जारी कर सकता है, वो उसकी पहचान है कि सम्बंधित व्यक्ति संस्थान में कार्य करता है, और वह उसके व्यक्तिगत उपयोग के लिए है । उसका उपयोग किसी सरकारी योजना के लाभ लेने के लिए नहीं है , उसके लिए हर व्यक्ति के पास वोटर आईडी, पैन कार्ड, पासपोर्ट जैसे तमाम सरकारी आईडी मौजूद रहते हैं , और उनको ही सरकारी मान्यता है ।
अब सवाल ये उठता है कि न्यूज़ पोर्टल को बदनाम करने के लिए इस तरह की भ्रामक सूचना फैला कौन रहा है, तो आइए आपको ये भी बताते हैं, ये वो लोग हैं जिनको न्यूज़ पोर्टल से परेशानी है, पहले न्यूज़ चैनल या न्यूज़ पेपर में ख़बर अपने हिसाब से दबाई और मैनेज की जाती थी, लेकिन आज डिजिटल इंडिया में न्यूज़ पोर्टल की वजह से ख़बर ना तो दबाई जा पा रहीं है और ना मैनेज की जा पा रही है। क्यूँकि कोई ना कोई पोर्टल ख़बर प्रकाशित तो कर ही देता है, और ये ख़बर वाइरल भी बहुत तेज़ होती हैं, लिहाज़ा ख़बर दबाने और मैनेज करने वालों का धंधा लगभग बंद हो गया है, तो परेशानी तो होगी ही।
– सुनील चौधरी सहारनपुर