नशा मुक्ति को जीविका दीदियों ने घर- घर चलाया अभियान

  • लोगों को नशा का सेवन नहीं करने को किया गया जागरूक
    -लोगों ने ली नशा नहीं करने की शपथ
  • महिलाओं ने लिया रैली में हिस्सा
  • तंबाकू के साथ नशा सेवन का दुष्प्रभाव युवाओं पर सर्वाधिक

मोतिहारी/बिहार- नशा मुक्त समाज बनाने के उद्देश्य से जिले के चिरैया प्रखंड के सरस्वघाट पंचायत सरोगर में जीविका दीदियों व ग्रामीण महिलाओं के सहयोग से नशा मुक्ति अभियान चलाया गया। इस दौरान नशा मुक्ति को लेकर रैली भी निकली, जिसमें महिलाओं ने महती तादाद में भाग लिया। इसस बाबत सतीश कुमार केसरी, सामुदायिक समन्वयक जीविका ने बताया कि डोर टू डोर घूम कर अभियान चलाया गया। जिसमें काफी लोगों को नशा सेवन नहीं करने हेतु जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि अभियान और रैली में शामिल लोग नशा मुक्ति को लेकर बैनर व पोस्टर लिए हुए थे। जिसमें लिखा था -हम सबने यह ठानी है, बिहार को नशा मुक्त बनाना है। नशा मुक्त रहे बिहार, सुरक्षित रहे घर परिवार जैसे नारों के माध्यम से नशा मुक्ति संदेश लोगों तक पहुंचाए गए हैं। वहीँ मौके पर कई लोगों ने नशा नहीं करने की शपथ भी ली।

तंबाकू के साथ नशा सेवन का दुष्प्रभाव युवाओं पर सर्वाधिक:

जिला स्वास्थ्य समिति में कार्यरत डीसीएम नंदन झा ने बताया कि नशा के सेवन से मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है। लोग तनाव में रहने लगते हैं साथ ही मानसिक रोगों की चपेट में भी आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि नशा व तम्बाकू उत्पादों के सेवन से छात्र-छात्राओं, युवाओं को बचाने के लिए यह आवश्यक है कि समाज के सभी वर्गों के लोग अपने-अपने स्तर पर छात्र-छात्राओं को तम्बाकू उत्पादों के सेवन से बचने के लिए जागरूक करें। उन्होंने बताया कि तंबाकू का सेवन करके यत्र तत्र थूकने पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही 6 माह की जेल भी हो सकती है। इधर-उधर थूकने से कोरोना वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है। किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय एवं परिसर में किसी भी प्रकार का तंबाकू पदार्थ, सिगरेट, खैनी, गुटखा, पान मसाला, जर्दा आदि का उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित है।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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