बरेली। नवरात्रि पर्व की शुरुआत गुरुवार से हो गई है। इस दिन से शक्ति के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। पहला दिन माता शैलपुत्री का है जिनकी पूजा अर्चना करने से लोगो के घरों में सुख-समृद्धि अती है। पहले दिन पूजा अर्चना को लेकर भक्तों की भारी भीड़ मंदिरों में नजर आई। सुभाषनगर करगैना रोड पर स्थित चौरासी घंटा मंदिर के देवी दरबार में नवरात्र में पूरा दिन भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां इस समय 01 लाख 89 हजार 01 सौ 84 घंटे भक्तों द्वारा भेंट करे हुये बंधे है। मान्यता है कि यहां जो मनोकामना मांगी जाती है। वह जरूर पूरी होती है। रविन्द्र मोहन गर्ग के अनुसार स्वर्गीय उमाशंकर गर्ग ने 1969 में यहां प्लांट खरीदा था। नीव की खुदाई के समय शकुंतला देवी के सपने में देवी मां आई और मकान से पहले मंदिर बनबाने को कहा। शंकुतला देवी ने यह बात पति को बताई, उसके बाद उन्होंने मकान का निर्माण रुकवा दिया ओर सडक किनारे देवी मंदिर बनबाया। निर्माण के बाद पहले दिन वहां जुटे भक्तों ने 84 घंटे मां को चढ़ायें और तभी से मंदिर का नाम चौरासी घंटा मंदिर पड़ गया, स्वर्गीय आकर पा ने 2007 में ज्यात जलाई थी, जो आज तक जल रही है। काली बाड़ी मंदिर के पुजारी अभिषेक ने बताया कि नवरात्र का पहला दिन माता शैलपुत्री का होता हैं। इस दिन कलश स्थापना की जाती है। इनकी पूजा अर्चना आम पूजा की तरह ही होती है। गुरुवार को माता रानी की पूजा के लिए काली बाड़ी मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की काफी भीड़ है। ये भीड़ पूरे नौ दिनों तक देखने को मिलने वाली है। साहूकारा स्थित नवदुर्गा मंदिर अलौकिक शक्तियों को समेटे हुए है। गोरक्षधाम आश्रम से जुड़े होने के कारण यह खास स्थान रखता है। मान्यता है कि ब्रह्मलीन महंत काशीनाथ एक दिन साहूकारा स्थित भैरी मंदिर में विश्राम कर रहे थे। तभी मां दुर्गा ने उन्हें स्वप्न में दर्शन देकर नौ देवियों की स्थापना कराने के लिए कहा।।
बरेली से कपिल यादव