बरेली। बरेली मे बवाल के आरोपी डॉ. नफीस के बरातघर पर दो दिन में छह बुलडोजर 11 घंटे तक चले। हैमर से छत चटकाने, सीढ़ियां और पिलर गिराने में 50 से अधिक मजदूर लगे। बरातघर का 70 फीसदी हिस्सा पहले दिन व 30 फीसदी भाग दूसरे दिन ध्वस्त किया गया। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 300 से अधिक सुरक्षाकर्मी और पुलिस-प्रशासन के अधिकारी तैनात रहे। अगर इसके खर्च का हिसाब लगाया जाए तो यह लाखों रुपये में आएगा। कई जगह अवैध निर्माण गिराने का खर्च आरोपियों से वसूला जाता है। इस मामले में संज्ञान लेने वाली बात यह भी है कि बीडीए ने ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया था। इसके मुताबिक नफीस को खुद अवैध निर्माण हटा लेना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया। इसलिए बीडीए इसे गिराने का खर्च भी वसूल सकता है। बीडीए के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने बताया कि करीब 600 वर्गमीटर मे संचालित बरातघर के लिए मानचित्र स्वीकृत नहीं था। आवासीय भवन के मानचित्र पर बरातघर नहीं चला सकते। इसलिए बीडीए ने वर्ष 2024 में पहला नोटिस दिया था। ध्वस्तीकरण आदेश 17 अगस्त 2024 को पारित किया गया। बरातघर के संचालक को आदेश दिया गया था लेकिन उसने न तो कोई अपील की, न ही अवैध निर्माण हटाया। अंतत: बीडीए ने बुलडोजर चलवा दिया। कार्रवाई के दौरान एडीएम के साथ कई जिलों की पुलिस, पीएसी और मजिस्ट्रेट तैनात रहे। जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद अफसरों से पल-पल की अपडेट लेते रहे।।
बरेली से कपिल यादव