कुशीनगर : तहसील खड्डा इलाके से बहने वाली नारायणी नदी के रेता क्षेत्र के गाँवो को नदी का पानी घेरे हुए हैं । नारायणी के प्रकोप के कारण कुशीनगर से रेता में बसे दर्जनों गाँवो का संपर्क पहले ही कट चुका हैं। इन गाँवो के लिए अब एकमात्र रास्ता बिहार प्रान्त के सिरसिया गाव से होकर आता पर उस मार्ग को भी बाढ़ के पानी की वजह से कई जगह कट गई हैं और सड़कों पर पानी भरा हुआ है। गाव की तरफ भी सड़के आवागमन लायक नही हैं जिससे यह आस लगाए जा रहा था कि इस कारण इस बार गाँव मे आयी नई बहुएं ना तो बाहर जा सकती हैं और न बहार रह रही बहने आ पाएंगी जिससे उनको ऐसा लग रहा था कि इस बार भाईओ की कलाई सुनी रह जाएंगी पर भाई बहनों के अटूट प्रेम और विश्वास ने सभी चुनौती को पार करते हुए बहने गाँवो में पहुची और भाईओ की कलाई पर राखी बांध उनकी लम्बी उम्र की दुआएं दी।
आपको बता दें कि खड्डा तहसील क्षेत्र के नारायणी नदी के बाएं तरफ स्थितगाँव मरचहवा, बसंतपुर, शिवपुर, नारायणपुर,हरिहरपुर, सलिकपुर, विंध्याचलपुर आदि गाँवो की लगभग 25 हजार की आबादी हर साल बाढ़ से जूझती हैं । बरसात के समय मे इन गाँवो में पहुचना मुश्किल हो जाता हैं क्योंकि सडके मुख्य मार्गो से कट जाती है इन गाँवो की रहने वाली बेटियां जिनकी शादी रेता क्षेत्र के बाहर शादी के बाद ससुराल रह रही बहने अंगीरा देवी, सरिता देवी, विन्द्रावती देवी का कहना हैं कि हम लोगो बहुत ही आस लगी रहती हैं कि हम लोग तैयार होकर अपने भाईओ की कलाई पर राखी बांधने अपने बच्चों के साथ आये पर सड़को के ठीक न होने से उनको खतरे में डालना मुनासिब नही समझते लेकिन अपने भाईओ की कलाई कैसे सुनी रख देते इसलिए हम लोगो ने रास्तो और नदी की चुनौती को झेलते हुए आज सुबह यहां पहुच भाईओ के कलाई पर राखी बाँधी ।
रेता क्षेत्र में रहने वाले सचींद्र सिंह कहते है कि हमारे क्षेत्र की लोगो के लिए राखी का त्योहार हर बार चुनौती भरा ही होता हैं चुकी यह बरसात का मौसम रहता जिससे नारायणी नदी का प्रकोप हर साल झेलना पड़ता हैं गाव के सड़को के साथ मुख मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो जाते हैं ऐसे में हमारे इलाके के भाई बहनों को बहुत सी परेशानी को झेलना पड़ता हैं कई भाईओ की कलाई रास्ते न होने से सुनी रह जाती हैं पर हम करे भी तो क्या।
शिवपुर गाव के पूर्व प्रधान रामशकल का कहना हैं कि हमने बहुत प्रयास किया कि किसी तरह हमारे इलाके के सम्पर्क मार्ग सुधर जाए पर सरकार उसपर कुछ बेहतर पहल नही कि जिससे वर्षो से चल रही परेशानी का आज तक समाधान नही हो सका और हमारी बहने रास्ते की परेशानियों को झेलते हुए आकर हमारी कलाई पर राखी बांध हमारे लिए दुआएं करती है। पर हम लोग लाख कोशिशों के बाद भी उनके सपरिवार हमारे यहा आने के सपने को नही पूरा कर पाते है।
रेता क्षेत्र के रहने वाले राकेश गुप्ता कहते हैं कि इस बार रस्तो की हालत देखकर तो ऐसा लगा की इस बार हमारी बहन नही आ पाएगी जिससे हमारी कलाई सुनी ही रहेगी पर उसने बड़ी मुश्किल झेल आखिर हमारे घर पहुची ताकि हमारे लिए दुआएं दे सके, काश हम लोग भी उसे अगले साल तक सही रास्ते ही दे सकते सरकार केवल इतना कर देती तो हमारी जिंदगी में भी कुछ खुशिया आ जाती।
शिवपुर के वर्तमान प्रधान आनन्द कुशवाहा ने बड़ी आस के साथ कहा कि हम अपने क्षेत्र की परेशानी सरकार से जुड़े लोगों और अधिकारियों तक पहुँचाऊँगा पूरी कोशिश रहेगी कि आगे आने वाले राखी के त्योहार में हम भी अपने बहनों को रक्षा की वादा दे सके क्योकि सबसे ज्यादा खतरा तो पानी के बहाव और बाढ़ के समय नदि को नाव से पार करने में ही होती हैं।
– अनूप कुमार,कुशीनगर