बरेली। केंद्र सरकार द्वारा पुराने श्रम कानून की जगह चार नई श्रम संहिताएं लागू की गई हैं। उसके विरोध शुरू हो गया है। बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियन और स्वतंत्र औद्योगिक महासंघों के आव्हान पर श्रमिकों, किसानों ने सेठ दामोदर शुरू पार्क पर संयुक्त रूप से विशाल धरना प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन एडीएम और उप जिलाधिकारी को सौंपा। राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इन्टक) के प्रदेश उपाध्यक्ष तथा जिला अध्यक्ष सतीश मेहता ने अपने संबोधन में कहा, लागू नई श्रम संहिताएं श्रमिकों के मौलिक अधिकारों का हनन है। देश के मेहनतकश श्रमिकों के साथ एक कपट पूर्ण धोखा है। इस मजदूर विरोधी और मालिक परस्त श्रम संहिताओं के एकतरफा कार्यान्वयन हुआ। इससे पूर्व में मिले हक छीन लिये जाएंगे। राष्ट्रपति से अनुरोध है, 21 नवंबर 2025 को केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को तत्काल निरस्त कर केंद्र सरकार को निर्देशित किया जाए नई चार श्रम संहिताओं के विषय पर पुनर्विचार कर श्रमिक महासंघों से बातचीत कर देश के मेहनतकश श्रमिकों के हितार्थ उचित निर्णय ले। सीटू के जिला संयोजक मोहम्मद शाहिद तथा वसीम खान, निसार अहमद, सद्दाम खान, नबाजिश खान, फुरकान बेग, रामदास, सुनील शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।।
बरेली से कपिल यादव
