बरेली- अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वे की मांग वाली याचिका लोअर कोर्ट में स्वीकार किए जाने के बाद देशभर में साम्प्रदायिक माहौल पैदा हो गया है। जिससे बरेली मरकज़ के उलेमा में सख्त नाराज़गी व रोष है अगर ऐसे फैसले बंद न हुए तो देशभर में आंदोलन होंगे।
जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान (सलमान मिया) ने कहा कि अजमेर शरीफ की दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का मज़ार शरीफ है। उन्हें गरीब नवाज भी कहा जाता है, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर लाखों की संख्या में लोग उनकी दरगाह पर पहुंचते हैं । यहां न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के देशों से हज़ारों लोग हाज़िरी देने आते हैं । हाल ही में अजमेर शरीफ के सिविल कोर्ट ने याचिका स्वीकार करके कोर्ट ने दरगाह के सर्वेक्षण को मंजूरी देकर देशभर का माहौल बिगड़ने की पूरी कोशिश की है । उन्होंने कहा कि दरगाह पिछले 800 सालों से यहीं है। उर्स के मौको पर हिन्दुस्तान के सभी प्रधानमंत्री दरगाह पर चादर भेजते हैं।
सलमान मिया ने कहा कि मस्जिदों और दरगाहों को लेकर इतनी नफरत क्यों फैलाई जा रही है । लोअर कोर्ट क्या कर रही हैं? क्या देश में दंगा करवाना चाहती हैं? लोअर कोर्ट प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1991 का पालन क्यों नहीं कर रही? हम देश को कहा ले जा रहे हैं? प्लेसेस ऑफ़ वरशिप एक्ट 1951 कहता है कि किसी भी पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र वैसा ही रहना चाहिए जैसा 15 अगस्त 1947 को था । उन्होंने कहा कि इस मामले से सिर्फ विवाद बढ़ेगा और दावा किया कि उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा भी ऐसे फैसलों का सीधा परिणाम है। उन्होंने बताया कि संभल जामा मस्जिद और अजमेर दरगाह के साथ उत्तर प्रदेश के बदायूं ज़िले की जामा मस्जिद से जुड़े हालिया विवादों के मद्देनजर, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 के उल्लंघन में धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ न्यायालयों द्वारा जारी सर्वेक्षण आदेशों को रोकने की मांग की गई है। कि पूजा स्थल अधिनियम के तहत इस तरह के मुकदमे प्रतिबंधित हैं, जो यह अनिवार्य करता है कि धार्मिक संरचनाओं के लिए 15 अगस्त, 1947 को मौजूद यथास्थिति बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हैं कि देश में सौहार्द, शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए ऐसे फैसलों पर जल्द हे रोक लगाए जिससे हर दिन एक नया विवाद न पैदा हो और लोगों से भी अपील की है कि देश को तरक्की की राह पर ले जाने की कोशिश करना चाहिए और देश को प्रगति की तरफ अग्रसर करने में योगदान देना चाहिए।
– बरेली से तकी रज़ा