बरेली। रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी बरेली द्वारा 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट 10 सितम्बर से 24 सितंबर तक लोक खुशहाली चैरिटेबल ट्रस्ट सभागार, निकट खुशलोक हॉस्पिटल, स्टेडियम रोड पर रोज़ाना सायंकाल 7:30 बजे आयोजित हो रहा है, आज इस फेस्ट के दूसरे दिन प्रयागराज से आयी टीम की प्रस्तुति सर्वेश्वर दयाल सक्सेना कृत व्यंग्य नाटक “हवालात” हुआ, जिसके प्रस्तुतकर्ता – डॉ० अशोक कुमार शुक्ल, परिकल्पना एवं निर्देशन विनय श्रीवास्तव का रहा।
नाटक की थीम
भ्रष्ट व क्रूर व्यवस्था की पोल खोलता तथा शोषक व शोषित की विसंगति को बखूबी बयां करता है।मध्यम वर्गीय समाज के तीन पढ़े-लिखे बेरोजगार लड़के गरीबी व बेबसी के चलते सर्द ठिठुरती रात में सिर छुपाने की जगह तलाश रहे हैं और ठंड से निजात पाने की जद्दोजहद में लगे हैं। उसी समय एक सिपाही आता है और उन्हें चोर कहकर हवालात में बन्द करने की धमकी देता है। तीनों यह सोचकर खुशी-खुशी हवालात जाने को तैयार हो जाते हैं कि वहाँ रात की सिहरन का एहसास कुछ कम हो जायेगा और वो खुद का अपराधी होना स्वीकार कर लेते हैं। सिपाही उनकी आँख में पट्टी बांधकर हवालात ले जाने के बहाने वहीं घुमाता रहता है। तीनों सिपाही से कहते हैं कि वह भी उसी व्यवस्था का शिकार है जिसके वो सब हैं। सिपाही उन्हें वही छोड़कर चला जाता है। पट्टी खोलने पर तीनों अपने आपको वहीं पाते हैं, जहाँ से चले थे उनके सामने फिर वही मंजर होता है।
आज के नाटक के मुख्य अतिथि डॉ विनोद पागरानी तथा दैनिक भास्कर के बरेली संपादक पवन सक्सेना रहे। अन्य सहयोगियों में शैलेन्द्र कुमार, शालनी गुप्ता, अजय गौतम, मानस सक्सेना, सचिन श्याम भारतीय, सपना दवादी शामिल रहे।
– बरेली से सचिन श्याम भारतीय