थियेटर फेस्ट का छटा दिन: एक ट्रांसजेंडर बच्चे की अंतकथा कहता नाटक ‘नपुंसक’ का हुआ मंचन

बरेली। थिएटर अड्डा ग्रुप में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी बरेली के 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट में छटवें दिन तरुण भारद्वाज स्टूडियो दिल्ली के द्वारा नाटक ‘नपुंसक’ का मंचन किया गया।
नाटक की कथावस्तु एक ट्रांसजेंडर बच्चे के इर्द गिर्द घूमती है। जिसकी पहचान उसके माता पिता दुनिया से छुपाकर रखते है। एक दिन उस बच्चे की माँ उसे प्यार से दुलार रही होती है तो पिता उस बच्चे को उसके ट्रांसजेंडर होने पर ताने सुना देता है तब वह बच्चा घर से भाग कर हालातो के थपेड़ों से जूझते हुए ट्रांसजेंडरों के समुदाय में शामिल हो जाता है। समुदाय में उसकी मुलाकात एक चमेली नाम की ट्रांसजेंडर से होती है तो चमेली उसे समझाती है कि स्त्री या पुरुष होना इंसान के हाथ मे नही होता है इसलिए इस दुनिया की सोच ही ट्रांसजेंडरों के प्रति गलत है। संवेदनाओ के जाल में फंसकर इंसान की मनोदशा उसे कहां पहुंचा देती है यही नाटक नपुंसक का मूल उद्देश्य रहा। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. विनोद पागरानी, पार्षद गरिमा अग्रवाल ने की। इस मौके पर विजय कंमांडो, शैलेन्द्र कुमार, शालिनी गुप्ता, सविता यादव, अजय गौतम, राहुल, सचिन श्याम भारतीय उपस्थित थे। नाटक का लेखन मंजुल भारदाज व निर्देशन तरुण भारद्वाज ने किया।

– बरेली से सचिन श्याम भारतीय

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