थिएटर फेस्ट में 7वें दिन दंगो की सच्चाई को उकेरते ख़ुदा हाफ़िज नाटक देख दर्शक हुए मंत्रमुग्ध

बरेली। थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडेमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर, द्वारा आयोजित तृतीय 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट में सातवे दिन मयूर संस्थान, प्रयागराज द्वारा नाटक ‘ख़ुदा हाफ़िज’ का मंचन मंगलवार को खुशलोक सभागार में किया गया।

नाटक साम्प्रदायिक दंगों की भयावहता एवं उसमें पिसता आम आदमी और इन सब के बीच इंसानियत को बचाये रखने की जद्दोजहद को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करता है। निर्देशक रिभु श्रीवास्तव के निर्देशन में प्रस्तुत ‘ख़ुदा हाफ़िज’ साम्प्रदायिक दंगे में फंसे दो युवाओं की कहानी है। दोनों दंगाईयों से बचने के लिए भाग कर कूड़े के डिब्बें में छिप जाते है फिर उन दोनों को भय, नफरत और शक का सिलसिला शुरू होता है। अंत में एक युवक पुलिस की गोली का शिकार हो जाता है और छोड़ जाता है अनगिनत सवाल इंसानियत के नाम।

समदेश बसु की कहानी का नाट्य रुपांतर गुलज़ार ने किया। अनूप श्रीवास्तव (युवक 1), अजय कुमार (युवक 2) विपिन गौड़ (युवक 3), सुधीर सिन्हा (पुलिस) ने बेहतरीन अभिनय किया। प्रकाश परिकल्पना – विनय श्रीवास्तव, वस्त्र विन्यास – अंशु श्रीवास्तव, रूप सज्जा – दिव्या शुक्ला, मंच सामग्री – ओम श्रीवास्तव और संगीत संचालन – रिभु श्रीवास्तव, मंच निर्माण – अनूप, विपिन, अजय और मार्गदर्शन – डॉ. विनय श्रीवास्तव का रहा।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.नीरज अग्रवाल, डॉ. विनोद पागरानी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कल माधव रंगमण्डल बरेली का नाटक अज़ातघर का मंचन होगा।

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