*पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से की भेंटवार्ता
ऋषिकेश/ उत्तराखंड- परमार्थ निकेतन में त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त डॉ रोजर गोपाल सपरिवार पधारे। परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने तिलक लगाकर उनका अभिनन्दन किया। उच्चायुक्त डॉ रोजर गोपाल ने सपरिवार पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंटवार्ता कर गंगा जी की दिव्य आरती में सहभाग किया।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने उच्चायुक्त डॉ रोजर गोपाल से वैश्विक महामारी कोविड-19 से उत्पन्न चुनौतियों और समाधान के विषय में चर्चा की। उन्होंने कहा कि त्रिनिदाद – टोबैगो सहित अन्य राष्ट्र में कोविड महामारी के कारण आय में कमी हुई है। कई लोगों की नौकरियाँ छूट गयी है। इससे उबरने के लिये वैश्विक स्तर पर सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।
पूज्य स्वामी जी ने इस दौरान प्राकृतिक संसाधनों के सही और सुरक्षित उपभोग के विषय में भी चर्चा करते हुये कहा कि इस युग में धरती पर मानवता और नैतिकता से युक्त औद्योगीकरण की आवश्यकता है, क्योंकि यही तो सहिष्णुता और सार्वभौमिकता का सूत्र भी है। विकास नैतिक मूल्यों के आधार पर किया जाना होगा।
वर्तमान समय में एक ऐसी विकास प्रणाली विकसित करने की जरूरत है जो समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ ही एक स्वावलंबी समाज का निर्माण करे तथा हमारे प्राकृतिक संसाधन, धरती, नदियों को भी जीवंत बनाये रखे। हमें ऐसी दुनिया का निर्माण नहीं करना जो अध्यात्म के स्थान पर भौतिकता को स्थापित करे बल्कि मानवता को केंद्र में रखकर विकास करना होगा। विकास भी ऐसा हो जो प्रकृति, पृथ्वी और मनुष्य की समस्याओं को केंद्र में रखकर पुनरुत्थान की ओर बढ़े।
त्रिनिदाद और टोबैगो गणराज्य के उच्चायुक्त डॉ रोजर गोपाल ने कहा कि त्रिनिदाद और टोबैगो का तो राष्ट्र वाक्य ही है ‘हम साथ कामना करते है, हम साथ कामयाबी प्राप्त करते हैं।’ एकता की संस्कृति को विकसित करने हेतु प्रयत्नशील रहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं 1999 में 22 वर्ष का नौजवान था तब श्री नरेन्द्र मोदी जी, पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, श्री अशोक सिंघल जी एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी त्रिनिदाद के प्रधानमंत्री के निमन्त्रण पर त्रिनिदाद आये थे और वहां पूज्य स्वामी जी ने युवाओं को उद्बोधन दिया, जिसे सुनकर मेरा जीवन बदल गया। आज हम अपने बच्चों और परिवार को लेकर यहां आये हैं ताकि मेरे बच्चों को भी भारतीय संस्कृति के संस्कार मिलें। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन गंगा आरती के विषय में सुना था आज सहभाग का अवसर भी प्राप्त हुआ। वास्तव में यह अपार शान्ति देने वाला स्थान है। उन्होंने कहा कि परमार्थ निकेतन का वातावरण आध्यात्मिक शुचिता और पवित्रता से युक्त है।
डॉ रोजर गोपाल के नन्हे-मुन्ने बेटों ने पूज्य स्वामी जी को एक प्यारी सी श्रीराम परिवार की प्रतिमा भेंट कर आशीर्वाद लिया।