बरेली। शनिवार को भाजपा कार्यालय पर आयोजित श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी अखंड भारत के अग्रदूत थे। मुखर्जी ने दो प्रधान, दो विधान और दो निशान का हमेशा विरोध किया। एक प्रधान, एक विधान और एक निशान की वकालत की। जम्मू कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने के लिए आंदोलन चलाया। मुखर्जी के संकल्प को देश की भाजपा सरकार ने पूरा किया। कृषि मंत्री ने कहा कि डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने स्वेच्छा से समाज में जागरूकता लाने के लिए राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने गैर कांग्रेसी हिंदुओं की मदद से कृषक प्रज्ञा पार्टी से मिलकर गठबंधन का निर्माण किया। इस सरकार में वे वित्त मंत्री बने। मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। वन मंत्री अरुण कुमार ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी 33 वर्ष की आयु में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। वह सबसे कम आयु के कुलपति थे। संगोष्ठी की शुरूआत भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चित्र पर पुष्प अर्पित करने के साथ हुई। इस मौके पर सांसद छत्रपाल गंगवार, एमएलसी कुंवर महाराज सिंह, विधायक संजीव अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना, गुलशन आनंद, रामगोपाल मिश्रा, बंटी ठाकुर, शीतल गुलाटी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। वही शनिवार को भाजपा कार्यालय पर भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और वन अरुण कुमार समेत तमाम भाजपा के नेता शामिल हुए। मंच पर जो बैनर लगाया गया उस पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती की बजाय बलिदान दिवस लिखा था। यह पोस्टर इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा तब महानगर अध्यक्ष अधीर सक्सेना ने गलती स्वीकारी। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता ने भूलवश त्रुटिपूर्ण पोस्टर बनवा दिया था। कार्यक्रम शुरू होते ही उस पर निगाह पड़ी मगर, सभी अतिथि मंच पर होने के कारण उस समय पोस्टर हटवाने की स्थिति नही बनी।।
बरेली से कपिल यादव