बरेली। रेलवे बोर्ड ने ट्रैक मेंटेनर पद पर कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले जोखिम भत्ते को बंद करने का आदेश जारी करके रेलवे यूनियनों में खलबली मचा दी है। सिर्फ उन्हीं ट्रैक मेंटेनर को जोखिम भत्ता दिया जाएगा जो ओपन रेल लाइन पर काम करते है। रेलवे के मुताबिक ट्रैक मेंटेनर एक ऐसा पद है। जिसमें कर्मचारी को रेल लाइन पर ही कार्य करना पड़ता है। इसमें जोखिम अधिक रहता है। इसलिए रेलवे ट्रैक मेंटेनर को 2700 रुपये महीने जोखिम भत्ता देता है। वही तमाम ऐसे ट्रैक मेंटेनर हैं जो सुरक्षित जगहों पर ही ड्यूटी करते है। उधर जोखिम भत्ते के नाम पर रेलवे को हर महीने लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। शहर के इज्जतनगर और मुरादाबाद रेल मंडल में भी 500 से 700 ट्रैक मेंटेनर हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो कभी रेल पटरी पर ड्यूटी करने नहीं गए। फिर भी सालों से 2700 रुपये महीने जोखिम भत्ता वेतन के साथ ले रहे है। रेलवे बोर्ड में इस मामले की शिकायत हुई। बोर्ड की एक कमेटी द्वारा एक समीक्षा रिपोर्ट तैयार की गई। इसके आधार पर रेलवे बोर्ड ने जोखिम भत्ते पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया। अब उन ही ट्रैक मेंटेनर को ही जोखिम भत्ता दिया जाएगा जो ओपन लाइन पर काम करते हैं। यह आदेश जारी होते ही ट्रैक मेंटेनर में खलबली मच गई। कई यूनियनों ने भी इसका विरोध किया है।।
बरेली से कपिल यादव