ट्रेवल ट्रेड डाइरेक्टरी के विमोचन पर आनन्द मिश्रा के सितार वादन से मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

वाराणसी- वाराणसी के पर्यटन क्षेत्र में व्यवस्थित जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से ‘ट्रेवल ट्रेड डाइरेक्टरी’ का गुरुवार को कैंटोनमेंट स्थित एक होटल में विमोचन किया गया। इसका विमोचन पद्म श्री राजेश्वर आचार्य और वरिष्ठ साहित्यकार पण्डित हरीराम द्विवेदी सहित गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया। इसके पश्चात संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर वक्ताओं ने डब्ल्यू एन टी ओ द्वारा पर्यटन और रोजगार एक बेहतर भविष्य की थीम पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि विश्व के केवल लगभग एक प्रतिशत पर्यटक भारत में आते हैं। इसलिए इस क्षेत्र में आपार संभावनाएं हैं।
इसके पश्चात संगीत के क्षेत्र में प्रमुख युवा कलाकार डा आनन्द मिश्र ने अपने सितार वादन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने एक से एक धुन प्रस्तूत कर संगीत रसिकों को अंततक बांधे रखा।
टूरिस्ट गाइड्स एसोसिएशन, कला प्रकाश और टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को कैंटोमेंट स्थित होटल बनारस कोठी, बुद्ध विहार में विश्व पर्यटन दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित होने वाली संगीत श्रृंखला ‘परम्परा’ में सितार वादन कर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। प्रोफेसर कृष्णा चक्रवर्ती एवं प्रोफेसर पुष्पा बसु के शिष्य डा आनन्द मिश्र ने प्रारम्भ में राग कौशिक कान्हड़ा में रुपक में बंदिश का वादन कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। बाद में तीन ताल में मध्य लय बजाकर लोगों को आनन्दित कर दिया। इसके पश्चात बनारस घराने के वरिष्ठ तबला वादक ईश्वर लाल मिश्र के पुत्र डा आनन्द मिश्र ने राग भैरवी धुन पर ‘हमरी अटरिया पर आ जा सावरिया देखा देख तनिक हुई जाय’ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। उनके साथ तबले पर धनन्जय मिश्र की कुशल और मनमोहक संगत से कार्यक्रम में चार चांद लग गया। कला प्रकाश के अशोक कपूर ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में युवा कलाकारों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से शुरू की गई संगीत श्रृंखला ‘परम्परा’ की विस्तृत चर्चा की।
इस अवसर पर अमित गुप्ता, राहुल मेहता, पण्डित रवि गोस्वामी, सुभाष चंद्र यादव, नरेन्द्र सिंह राठौर, अजय सिंह, प्रदीप राय, शैलेन्द्र सिंह, अनूप सेठ, संतोष सिंह, अखिलेश मौर्य, जैनेन्द्र राय आदि की महत्वपूर्ण भागीदारी रही। संचालन अशोक वर्मा ने किया।

रिपोर्टर:-र

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *