बरेली। त्योहार मनाने के लिए घर लौट रहे कामगारों की भीड़ के चलते रविवार को ट्रेनों में सीट के लिए मारामारी का आलम दिखा। बरेली जंक्शन पर यात्रियों की भीड़ रही। शहर के दोनों बस अड्डों पर भी भीड़ के चलते अव्यवस्थाएं रहीं। बस अड्डों पर जहां यात्रियों को गंतव्य की बस के लिए परेशान होना पड़ा, वहीं ट्रेनों की लेटलतीफी ने घर वापसी के इंतजार को लंबा कर दिया। रेलवे की ओर से कई त्योहार विशेष ट्रेनें चलाने के बावजूद भीड़ के चलते सीटें कम पड़ गई हैं। रविवार को बरेली जंक्शन होकर गुजरने वाली अमृतसर एक्सप्रेस, जम्मूतवी, जनता एक्सप्रेस, सियालदाह एक्सप्रेस व पदमावत एक्सप्रेस समेत कई अन्य ट्रेनों में पैर रखने तक की जगह नही मिली। आरक्षित बोगियों का हाल जनरल जैसा था। इस वजह से बरेली जंक्शन से सवार होने वाले यात्रियों को परेशानी आई। ट्रेनों में सीट न मिलने पर यात्री जब सेटेलाइट व पुराना बस अड्डा पहुंचे तो गंतव्य की बस देरी से मिली। मुरादाबाद मंडल की ओर से जारी हुए आंकड़ों के तहत 295 विशेष ट्रेनों का त्योहार पर संचालन किया जा रहा है। इसमें 10 लाख से अधिक यात्रियों ने यात्रा की है। दिल्ली और बरेली के बीच ही विशेष ट्रेनों से ढाई लाख यात्रियों ने यात्रा की है। रोडवेज के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली से दो दिन में डेढ़ लाख, लखनऊ से बरेली की ओर 80 हजार व अन्य इलाकों से आने वाली बसों में कुल पांच लाख से अधिक यात्रियों के आने का अनुमान है। त्योहार पर ट्रेनों की रफ्तार भी धीमी रही। यात्रियों की परेशानी का फायदा उठाते हुए डग्गामार वाहनों के चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। यही नहीं निजी एप पर भी टैक्सी बुक करने पर प्रत्येक सवारी के दिल्ली के लिए 1500 रुपये तक वसूले जा रहे है। ट्रेनों और बसों में सीट न मिलने की वजह से इतना किराया देना यात्रियों की मजबूरी है।।
बरेली से कपिल यादव
