बरेली। जिले के बिशातरगंज स्टेशन में वर्ष 1998 मे ट्रेन में आग लगाने के मामले में फरार चल रहे तीन आरोपितों के खिलाफ न्यायालय ने कुर्की वारंट जारी किया था। वारंट जारी होने के बाद हरकत में आयी बरेली जंक्शन जीआरपी ने मुखबिर की सटीक सूचना पर गुरुवार को अतरछेड़ी से गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपित ने निसोई हाल्ट खत्म करने को लेकर हुए आंदोलन के दौरान आगजनी की थी। घटना के 23 साल बाद जीआरपी को यह कामयाबी मिली है। आपको बता दें कि अतरछेड़ी निवासी धीरज सिंह 1998 में हुए मामले के बाद गिरफ्तारी की डर से उसने अपना मकान व जमीन आदि बेच फरार हो गया था। मुरादाबाद में वह किराए के मकानों में बदल-बदलकर रह रहा था। वहां वह लोगों को सिक्योरिटी गार्ड मुहैया कराने का काम करता था। जीआरपी इंस्पेक्टर अमीराम सिंह ने बताया कि वर्ष 1995 निशोई हाल्ट पर एक ट्रेन में आगजनी की घटना हुई थी। जिसमें करीब 15 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें से सभी लोग कोर्ट में पेश हो रहे थे। मगर कुछ लोग थे जो कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद भी पेश नहीं हुए। उनमें से एक विपिन कुमार भी शामिल था। जब कोर्ट से कुर्की वारंट जारी हुआ तो जीआरपी इंस्पेक्टर ने एक टीम बनाई और फरार विपिन की तलाश शुरू कर दी। 23 साल के बाद चार दिन पूर्व कोर्ट से ट्रेन में आगजनी के मामले में आरोपी धीरज सिंह व अन्य तीन के खिलाफ कुर्की वारंट जारी हुए। जीआरपी प्रभारी निरीक्षक अमीराम सिंह व उनकी टीम ने मुखबिर की सटीक सूचना पर धीरज को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। आरोपी को गिरफ्तार करने वाली टीम में इंस्पेक्टर जीआरपी अमीराम सिंह, सब इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह, हेड कांस्टेबल हरगोविंद और कांस्टेबल शशि कुमार शामिल थे।।
बरेली से कपिल यादव