ट्रेन-बसों मे उमड़ी भीड़, पुराने और सेटेलाइट बस अड्डे पर यात्री रहे परेशान

बरेली। छोटी दिवाली के दिन रविवार को ट्रेन और बसों में भीड़ रही। दिवाली के मौके पर रोडवेज ने रीजन की 653 बसों को रूट पर उतार दिया है लेकिन इसके बाद भी यात्रियों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को बसे नही मिलने से यात्री परेशान होते रहे। पुराने और सेटेलाइट बस अड्डे पर यात्री बसों का इंतजार करते रहे। घंटों इंतजार करने के बाद बस आई तो उसमें सीट पाने के लिए खिड़की का सहारा लेना पड़ा और आपाधापी मची रही। वहीं स्पेशल गाड़ियों की वजह से यात्रियों को राहत मिली। दिल्ली-पंजाब की ओर से आने वाली सवारी गाड़ियों मे खूब भीड़ रही। रोडवेज बसों में भी अच्छी खासी भीड़ रही। ट्रेनों का तो यह हाल था। वेटिंग वाले भी स्लीपर में घुसे हुए थे। हालांकि गाड़ियों के इंतजार में यात्रियों ने कई-कई घंटे बिताए। धनतेरस के बाद छोटी दिवाली वाले दिन रविवार से दिवाली की छुट्टियां शुरू हो गई। जिसके बाद लोगों ने घरों को लौटना शुरू कर दिया है। यात्रियों की संख्या को देखते हुए रोडवेज ने पूरे रीजन में कुल 653 बसों का संचालन शुरू कर दिया है। इसमें दिल्ली मार्ग पर 373, आगरा मार्ग पर 60, टनकपुर हल्द्वानी मार्ग पर 110 व लोकल मार्ग पर 110 बसों का संचालन किया है लेकिन उसके बाद भी यात्रियों को बसों का घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। पुराने और सेटेलाइट बस अड्डे पर पूछताछ केंद्र पर भी बस कब आएगी। उसकी कोई सही जानकारी देने वाला नहीं था। बसे नहीं मिलने के बाद अधिकतर यात्रियों ने डग्गामार वाहनों का सहारा लिया। वही राज्यरानी और त्रिवेणी एक्सप्रेस में शनिवार को अधिक भीड़ थी। बरेली जंक्शन से बड़ी संख्या में लोग सवार हुए। अवध आसाम, जम्मूतवी-लालगढ़ एक्सप्रेस में भी पैर रखने की जगह नहीं थी। दिल्ली की ओर से आने वाली सभी गाड़ियों में वेटिंग 100 के पार थी। यात्री कोच गैलरी में बैठकर सफर कर रहे थे। कोच गेट पर यात्री लटके हुए थे। जंक्शन से बार-बार एनाउंसमेंट भी कराया जा रहा था, ट्रेन मे लटककर सफर न करे। डेढ़ बजे के बाद जंक्शन पर सन्नाटा छाया रहा। मगर शाम पांच बजे के बाद फिर से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ी। दिल्ली की ओर से आने वाली सभी गाड़ियां फुल थीं। बरेली-बनारस, बरेली-दिल्ली और मुगलसराय एक्सप्रेस आदि गाड़ियों में जबर्दस्त भीड़ थी। ट्रेन में चढ़ने को लेकर भी धक्का मुक्की के हालात नजर आए।।

बरेली से कपिल यादव

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