बरेली। टोल कंपनियां राहगीरो की जेब पर डाका डाल रही है। इसके लिए बहाना ले रही हैं। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के सर्वर में तकनीकी खराब आने का जबकि असल में इन कंपनियों की नियत में खोट है दरअसल 24 घंटे में वापसी करने वाली गाड़ियों को टोल में 50 प्रतिशत की छूट होती है। सर्वर में तकनीकी खराबी बताकर राहगीरो से पूरा टैक्स वसूला जा रहा है। दिल्ली रोड पर फतेहगंज पश्चिमी स्थित टोल प्लाजा पर बारह लेन फास्ट टैग वाहनों के लिए बनाई गई हैं। जबकि दो लेन कैश पेमेंट करने वालों के लिए हैं। कई दिनों से गाड़ियों के फास्ट टैग स्कैन में दिक्कत होने के बहाने राहगीरों से आने-जाने का फुल पेमेंट वसूला जा रहा है जबकि नियमानुसार उनको टोल में 50 प्रतिशत की छूट मिलनी चाहिए क्योंकि एक तरफ से जाने का टोल एक कार से 125 रुपये है। इस हिसाब से आने जाने का टोल ढाई सौ रुपए बना लेकिन अगर वह 24 घंटे में वापसी करता है तो उसे केवल 185 रुपये वसूला जा सकता है। आरोप है कि कार सवार को बापसी में लौटते समय में तकनीकी खराबी बताकर रोक लिया जाता है। ऐसे में दिक्कत दूर होने के इंतजार के झंझट से बचने को लोग कैश पेमेंट वाली लाइन में लगकर फुल पेमेंट अदा करके चले जाते है। माना जा रहा है कि टोल से रोजाना करीब दस हजार गाड़ियां गुजरती हैं। इनमें से तीन चार हजार गाड़ियो से आने जाने का फुल पेमेंट लिया गया तो उनको रोजाना लाखों रुपए की कमाई हो जाती है।।
– बरेली से कपिल यादव