आगरा। टोयोटा कंपनी के मैनेजर रंजीत खरे की हत्या उन मददगारों ने ही की थी जिन्होंने नाली में फंसी उसकी कार को बाहर निकालने में मदद की थी। रंजीत 18 अक्टूबर को घर आते हुए लापता हो गया था। बाद में उसका शव मुरैना में मिला था। सिकंदरा पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दिया है। दो लोगों ने मिलकर मैनेजर की हत्या की थी।
रंजीत खरे निवासी एमएम गेट सिकंदरा में टोयोटा कंपनी में मैनेजर थे। 18 अक्टूबर को वह शाम को समय से घर नहीं आए तो उनके छोटे भाई सुरजीत खरे ने उनको फोन किया। रंजीत का मोबाइल बंद आ रहा था। अगले दिन रंजीत का शव मुरैना में मिला। सुरजीत ने सिकंदरा थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।
पुलिस ने हत्या करने वाले दो युवक अर्जुन शर्मा और अमन शर्मा निवासी सिकंदरा को पकड़ लिया। दोनों ने पूछताछ में बताया कि रंजीत की गाड़ी 18 अक्टूबर की रात को ककरैठा में एक नाली में फंस गई थी। हम दोनों लोगों ने उसकी मदद की। हमारी मदद के बाद वह काफी खुश हो गया। रंजीत ने बताया कि वह टोयोटा कंपनी में मैनेजर है। हमने सोचा कि इसके साथ हम लूट कर सकते हैं। हम दोनों उसकी गाड़ी में बैठकर उसके साथ रुनकता की ओर चले गए। वहां उसकी हत्या कर दी और शव डिग्गी में रखकर मुरैना की ओर ले गए और वहां फेंक दिया।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी अर्जुन शर्मा पूर्व में भी हत्या के आरोप में जेल जा चुका है। खुलासा करने वाली टीम में इंस्पेक्टर सिकंदरा विनोद कुमार, एसआई निशामक त्यागी, स्वाट टीम प्रभारी अजय कुमार आदि शामिल रहे।
योगेश पाठक आगरा