बरेली – टी एम सी प्रमुख डॉक्टर सईद इंतखाब आलम साहब की सदारत में तहरीक मदारियत काउंसिल का विशाल मंडलीय सम्मेलन का आयोजन एक बैंकेट हाल में हुआ।सम्मेलन की सरपरस्ती हुज़ूर फतेह अजमेर डॉक्टर सय्यद मरगूब आलम साहब ने की।बहेड़ी से तशरीफ लाए हुज़ूर सय्यद इख्तियार मियां की कयादत रही।प्रोग्राम की देखरेख युवा सदर सय्यद जावेद आलम साहब ने की।डॉ पवन सक्सेना की तरफ से तशरीफ़ लाये बरेली शहर के जाने माने वरिष्ठ साहित्यकार,रंगकर्मी एवं उद्यमी डॉ राजेश शर्मा ने आज के सियासी हालातों पर रोशनी डाली और सभी लोगों को एकजुट होकर देश को बचाने की पहल करने की अपील की,आपने सूफ़ी संतो की परंपरा में समाज के महत्व को भी बताया और मदारिया का योगदान सूफी संप्रदाय में कितना है उस पर भी अपनी बात पर कही। अतिथि आशीष जौहरी ने समाज को एकजुट होने का संदेश दिया और कहा कि एकता में ही हमारी जीत है। उन्होंने कहा कि यदि हम अलग अलग अपनी बात कहेंगे तो कोई नहीं सुनेगा। समाजसेवी भूपिंदर सिंह,विद्वान शिक्षक व प्रखर वक्ता विकास सक्सेना, सरदार लकी सोढ़ी, बहेड़ी से आए चेयरमैन पद के प्रत्याशी मोहम्मद शादाब कई समाजसेवी, बहुत सारे गांव के प्रधान, कई बड़े नेता, मंडल के अलग अलग इलाके से आए हुए टीएमसी के पदाधिकारी कार्यक्रम में शामिल हुए।बहेड़ी से काफी तादाद में टी एम सी टीम के लोग भी प्रोग्राम मोजूद रहे, डॉक्टर सय्यद इंतखाब आलम साहब ने कहा आज वक़्त है जायदा से जायदा लोगो को टी एम सी से जुड़ने का।इंतखाब आलम के कहने का जो मकसद था वो यही था कि मुसलमानों का और खासतौर से मदारियों को हर सरकार ने तेजपात के पत्ते की तरह इस्तमाल किया है, शामिल तो किया है पर जब काम निकल गया हमे निकाल कर फेंक दिया गया, लेकिन अब वक़्त है संभालने का अपनी ताकत पहचाने का, अब ऐसा नहीं होगा अब अगर जिसको भी हमारी जरूरत है वो हमे अब साथ लेकर चले, पीछे चलने को अब हम तैयार नहीं है,
प्रोग्राम में हमारे हिंदुस्तान की जो संस्कृती जो पहचान है जो गंगा जमुना तहजीब है जो आपसी भाईचारा है जो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपसी प्यार है वो साफ साफ देखने को मिला।