टसिला जिला पंचायत सदस्य पूजा देवी निर्वाचित होने के बाद से ही क्षेत्र से है नदारद

*चुनाव जीतने के बाद मतदाताओं का आभार प्रकट करने भी ससुर जी आये वो तब भी नही आयीं

पौड़ी गढ़वाल विकासखण्ड ज़हरीखाल : पहाडों में लगभग महिला जनप्रतिनिधि आज भी स्वयं अपना कार्य नही करती ये हम इसलिए कह रहे हैं कि आज भी जब आम सभाओं का आयोजन होता है तो जनप्रतिधि के बदले उनके पति या ससुर जेठ उसमें शामिल होते है

मैदानी क्षेत्रों में तो फिर भी महिला जनप्रतिनिधि लगभग खुद ही विकास कार्यों में आगे रहती है पर पहाड़ो में अधिकतर महिला जनप्रतिनिधि रबड़ स्टैम्प की तरह है जो कहने मात्र को जनप्रतिनिधि है कुछ तो ऐसे है जो हस्ताक्षर भी खुद नही करती इसमे सबसे बड़े दोष है विकासखंड के अधिकारियों का जो महिला जनप्रतिनिधियों के पति पिता ससुर देवर से ही विकास कार्यों की चर्चा करते हैं व उन्ही के हस्ताक्षर से विकास कार्यो को अंजाम देते हैं

सूत्रों से जानकारी मिली है कि नव निर्वाचित टसिला जिला पंचायत सदस्य पूजा देवी जो स्वयं भी पढ़ी लिखी है परंतु चुनाव जीतने के बाद से ही छेत्र से नदारद है आजकल कोरोना वायरस की महामारी फैली है ऐसे में हर जनप्रतिनिधि अपने छेत्र में है और अपने छेत्र की जनता का हौसला बढ़ाये हुये है परंतु पूजा देवी चुनाव जीतने से अब तक गोपेस्वर मे अपने पति के साथ है और वही पर रहती है

ओर यहाँ पर उनके कार्य भार को उनके ससुर रिटायर अध्यापक प्रेमलाल जी संभाले हुये है ।यहाँ क्षेत्रिय जनता का कहना है कि वे अपनी जनप्रतिनिधि को देखना चाहती है और हमने एक पढ़े लिखे जनप्रतिनिधि को इसलिये चुना था कि वो स्वमं कार्य भार संभाले व स्थानीय जनता के बीच में रहे

इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि छेत्र का विकास कैसे होगा जब खुद चुने हुए उम्मीदवार क्षेत्र में न रहे।

– ब्यूरो रिपोर्ट

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