जिलाधिकारी से अवैध जांच घर को जांचोपरांत बंद करने की मांग

  • अधिकांश जाँचघर तय मानक को नहीं करता पूरा- सुरेंद्र
  • जाँच के नाम पर मरीजों को लूटना बर्दाश्त से बाहर–बंदना
  • जाँचघर संचालक “मरीज लाओ पैसे कमाओ”की तर्ज पर दलाली को बढ़ावा देते– मो० सगीर
  • जाँचघर संचालक प्रशिक्षित कर्मी,डिग्रीधारी पैथोलाँजिस्ट आदि का डिग्री व तय जाँच फी की सूचना टाँगे

समस्तीपुर/ बिहार- बिहार, समस्तीपुर, कुत्ते द्वारा बेटी के शव को नोंच खाने की हृदय विदारक घटना के बाद भाकपा माले, ऐपवा के पहल एवं मिडिया द्वारा बेहतर काँवरेज के मद्देनजर जिलाधिकारी द्वारा जाँच टीम बनाकर जाँच कराने के बाद कई क्लिनिक को सील किये जाने पर भाकपा माले नेता सह इनौस जिलाध्यक्ष सुरेंद्र प्रसाद सिंह, ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता मो० सगीर, विश्वनाथ गुप्ता ने जिलाधिकारी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए मानक पर खड़ा नहीं उतरने वाले अन्य क्लिनिक एवं अल्ट्रासाउंड की भी जाँच कर बंद कराने की मांग की है। इस आशय का पत्र जिलाधिकारी को देते हुए नेताओं ने मानक पर खड़ा नहीं उतरने वाले तमाम जाँचघर की टीम गठित कर जाँच कर सील करने की मांग की है। जिलाधिकारी को आवेदन सौपने के बाद माले नेता सुरेंद्र ने कहा कि कुकुरमुत्ते की तरह फैले जाँचघर फैले हैं। ये कोई भी मानक को पूरा नहीं करते। चिकित्सक से सांठगांठ कर गैर जरुरी जाँच कर मरीजों को लूटते हैं। एक ही डिग्री को कई जाँचघर वाले लगाये रहते हैं। स्टीक को काटकर ईस्तमाल किया जाता है। गलत जाँच कर मरीज को परेशानी में अक्सर डाल दिया जाता है। मरीज लाओ कमीशन पाओ की तर्ज पर जाँचघर संचालक काम करते हैंहर जाँच का शुल्क हर क्लिनिक में अलग- अलग लिया जाता है। किसी भी क्लिनिक में डिग्रीधारी कर्मी, पैथोलॉजिस्ट शायद ही है।कहीं भीउनकी डिग्री नहीं टाँगा गया है। साधारण बीमारी में 4-5 हजार रु० जाँच के नाम पर वसूला जाता है। इसके खिलाफ यदि अविलंब कारबाई नहीं की जाती है तो आंदोलन चलाने की घोषणा नेताओं ने की है।

– आशुतोष कुमार सिंह ब्यूरो चीफ समस्तीपुर

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