बरेली। दुनिया भर मे कोरोना के मामलों मे तेजी पकड़ ली है। पिछले एक दिन मे छह करोड़ से अधिक कोरोना के मामले सामने आए हैं। ऐसे मे बरेली के जिला अस्पताल मे मरीज कोरोना का डर खौफ भूल गए है। न किसी के मुंह पर माक्स है न तो सोशल डिस्टेंसिंग का कोई पालन कर रहा है। कोरोना काल के समय मे कहा गया था कि दो गज दूरी माक्स है जरूरी लेकिन यह बात शहर वासियो के समझ मे नहीं आ रही है। ऐसे मे माना जा रहा है कि कही बरेली के जिला महाराणा प्रताप अस्पताल मे कोरोना बम न फूट जाए। आपको बताते चले कि कोरोना की चौथी लहर ने दस्तक दे दी है। तीन दिन पूर्व बरेली के सिद्धार्थनगर मोहल्ले में एक युवक संक्रमित मिला जोकि नागपुर की निजी कंपनी में काम करता था। बह 15 दिन पहले बरेली आया था। कई दिन से बुखार की शिकायत होने पर उसने एक निजी लैब मे कोरोना की टेस्टिंग कराई तो वह संक्रमित पाया गया। वही दूसरा युवक मलूकपुर का है जोकि अबू धाबी की एक निजी कंपनी में काम करता है अबू धाबी जाने से पहले युवक ने अपनी कोरोना जांच जिला अस्पताल में कराई तो वह कोरोना संक्रमित पाया गया था। दोनों संक्रमितो को होम आइसोलेशन किया गया था। 10 दिन पहले दस हजार जांचों में कोई भी संक्रमित नहीं मिला था। जिला अस्पताल में ज्यादातर लोग मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे है। ऐसे में माना जा रहा है कि लोगों के अंदर से कोरोना का खौफ पूरी तरह से खत्म हो चुका है। अगर लोग ऐसे ही लापरवाही बढ़ते रहे तो इसका अंजाम काफी भयानक हो सकता है। जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की लंबी कतारें लगी नजर आ रही हैं। लेकिन मात्र 10 प्रतिशत लोगों के ही लगा हुआ नजर आ रहा है। अस्पताल में न जाने किस प्रकार के मरीज आ रहे है। हमें सतर्क रहने की जरूरत है। अस्पताल के अधिकारी भी इस बात पर कोई गौर नहीं कर रहे है। कोरोना के मामलों में अब तेजी पकड़ ली है। ऐसे मे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएं और खुद भी करे। जिला अस्पताल की ओपीडी में ज्यादातर मरीज खांसी जुकाम बुखार के आ रहे है। मौसम चेंज होने के साथ-साथ कोरोना ने भी दस्तक दे दी है। ऐसे मे और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ओपीडी में प्रतिदिन खांसी जुकाम के 50 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं।।
बरेली से कपिल यादव