बरेली। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन पूरी सख्ती दिखा रहा है। जहां एक ओर पुलिस ने शहर में बिना मास्क वालों के चालान काटने शुरू कर दिए है। वही स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है। जिला अस्पताल परिसर में पीपीई किट खुले में फेंकी जा रही हैं। पीपीई किट के साथ अस्पताल स्टाफ द्वारा प्रयोग किए गए ग्लब्ज, मास्क व अन्य सामान भी खुले में फेंका जा रहा है। कोविड के मेडिकल वेस्ट के लिए अलग नियम कायदे बनाए गए है। इसके बाद भी जिला अस्पताल मे इसकी कोई देख रेख नही की जा रही है। अस्पताल की व्यवस्थाओं के जिम्मेदार लोगों के पास यह सब देखने की फुर्सत नहीं है। मामला जिला अस्पताल के कोविड केंद्र का है। बुधवार को जिला अस्पताल के कोविड केंद्र में प्रतिदिन की तरह कोरोना जांच कराने वालों की भीड़ लगी थी। उन्होंने जांच कराने में लगभग 30 से 40 लोग जांच कराने को लाइन में लगे थे। वही सामने डस्टबिन के पास इस्तेमाल की गई पीपीटी खुले में पड़ी थी। वही मैदान में इस्तेमाल की गई सर्जिकल हैंड गलब्स, मास्क आदि बिखरे पड़े थे। पता करने पर बताया गया कि अंदर के ही कर्मचारी सीधे यहां आकर पीपीई किट उतारते हैं और फेंक कर चले जाते है। जबकि मानक के अनुसार कोविड के मेडिकल वेस्ट को क्लोरीन के घोल में डालने के बाद एक बैग में रखना होता है। उसके बाद उसको सील कर मेडिकल वेस्ट ले जाने वाली एजेंसी के लिए बड़े डस्टबिन में एकत्र कर दिया जाता है।।
बरेली से कपिल यादव