बरेली। सेवानिवृत्त डाक्टर के बेटे को नीट में पास कराने के बहाने दिल्ली के रहने वाले दो जालसाजों ने 26 लाख रुपये हड़प लिए। दबाव बढ़ा तो जालसाजों ने जैसे-तैसे 14.44 लाख रुपये लौटा दिये लेकिन शेष रकम नहीं दी। जालसाजों ने खुद को दिल्ली स्थित एक शिक्षण संस्थान का अधिकारी बताते हुए परीक्षा पास कराने का झांसा दिया था। मेरिट लिस्ट में नंबर न आने पर डाक्टर ने ठगों से रकम वापस मांगी तो टालमटोल शुरू हो गई। बारादरी पुलिस की अनदेखी पर कोर्ट के आदेश पर बारादरी थाने में जालसाजों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया है। आपको बता दें कि थाना बारादरी क्षेत्र के पीलीभीत स्थित फाइक इंक्लेव निवासी डॉक्टर सैय्यद इब्तेसाम सरकारी डॉक्टर के पद से सेवानिवृत्त है। करीब एक साल पहले उनका बेटा जुनैद मेंहदी नीट की तैयारी कर रहा था। साल 2019 की परीक्षा में आवेदन किया था। उसी दौरान उनकी मुलाकात पूर्वी दिल्ली स्थित झिलमिल कॉलोनी निवासी अमित कुमार और साउथ वेस्ट दिल्ली के कुतुब विहार कॉलोनी निवासी मंदीप शर्मा से हुई थी। दोनों जालसाजों ने खुद को दिल्ली के वीका जी कॉम्प्लेक्स स्थित ग्लोबल विंग्स एकेडमी का अधिकारी बताते हुए डॉक्टर के बेटे को नीट उत्तीर्ण कराने का वादा किया। 26 लाख रुपये खर्च बताकर 10 लाख एडवांस मांगे। बेटे की खातिर 21 दिसंबर को सेवानिवृत्त चिकित्सक ने 10 लाख रुपये दे दिए। 31 दिसंबर को जालसाजों ने फिर 10 लाख मांगे। फिर रकम दे दी। इसके बाद बचे छह लाख रुपये भी ले लिए। 31 जनवरी को नीट का परिणाम आया लेकिन उनके बेटे का नाम नही था। चिकित्सक ने जालसाजों से सवाल किया तो दूसरी लिस्ट मे नाम आने की बात कही। बावजूद इसके नाम न आया। ठगी का अंदेशा होने पर चिकित्सक ने तत्कालीन बारादरी इंस्पेक्टर से मामले की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। दबाव बढ़ने पर जालसाजों ने महज 14.44 लाख रुपये लौटाए। इसी के बाद डाक्टर कोर्ट पहुंचे। कोर्ट के आदेश पर बारादरी पुलिस ने दोनों जालसाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।।
बरेली से कपिल यादव