जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया की मांग पत्रकारों को भी मिले कोरोना योद्धा का सम्मान

पत्रकारिता को भारत में चौथा स्तंभ कहा जाता है और इस क्षेत्र से जुड़े लोग अपनी मेहनत और कलम की वजह से इसकी गरिमा को बनाये रखने के लिए दिन रात एक करके अपने काम को अंजाम देते है।देश की आजादी से लेकर आजतक पत्रकारिता ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में देश में आई कोविड 19 की वजह से आई महामारी में जहाँ स्वास्थ्य कर्मियों,पुलिस कर्मियों,सफाई कर्मियों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तो वहीं पत्रकारों ने भी अपनी जान पर खेलकर अपने काम को अंजाम देकर पल पल की खबर जनता तक पहुँचाकर लोगों में जागरूकता लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।

पर आज स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस कर्मियों और सफाई कर्मियों को तो कोरोना योद्धा का सम्मान मिला परन्तु पत्रकारों को यह सम्मान नहीं मिला । जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया रजि0 संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि सरकार पत्रकारों के साथ भेदभाव का रवैया न अपनाकर उन्हें भी कोरोना योद्धा का सम्मान दे।पत्रकारों के परिवारों की भी सहायता राशि और उनके परिवार को आजीविका चलाने के लिए सरकारी नौकरी भी दे सरकार।करोना के चलते अपनी जान गवाने बाले पत्रकारों को यह सम्मान क्यों नहीं मिल रहा है।क्या इन पत्रकारों के कोई दायित्व नहीं है इनका कोई परिवार नहीं है।यदि पिछले कुछ समय पर नजर डालें तो यह उन पत्रकारों के नाम है जिन्होंने भारत में COVID19 के आगे घुटने टेक दिए हैं। अभी हाल ही में कोरोना के कारण उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले में आजतक के पत्रकार निलांशु शुक्ला का कोरोना वायरस के चलते निधन हो गया । दैनिक भास्कर के साथ 37 वर्षीय स्वास्थ्य रिपोर्टर तरुण सिसोदिया ने 6 जुलाई को COVID19 पॉजिटिव परीक्षण के बाद आत्महत्या कर ली। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, जब उनके नियोक्ता ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा और उनके साथी ने सकारात्मक परीक्षण किया, तो वह दबाव में थे।
समाचार रिपोर्टों के अनुसार, आजतक डिजिटल की पत्रकार हुमा खान ने 27 जून 2020 को COVID19 के सामने दम तोड़ दिया। द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार ई वेलमुरुगन, राज टीवी के एक कैमरा व्यक्ति ने 27 जून 2020 को चेन्नई में कोरोना के सामने दम तोड़ दिया।
महाराष्ट्रा टाइम्स के अतुल अंबेडकर की 15 जून को मुंबई में संदिग्ध हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई। उनके स्वाब परीक्षण से पता चला कि वह कोरोना पॉजिटिव थे।टीवी 5 के मनोज ने 7 जून को हैदराबाद में कोरोना के सामने दम तोड़ दिया।TV9 के रोशन डायस ने 21 मई को मुंबई में कोरोना के सामने दम तोड़ दिया।
आगरा में 7 मई को कोविड 19 के कारण दैनिक जागरण के पंकज कुलश्रेष्ठ का निधन हो गया ।24 अप्रैल को कोलकाता में COVD19 की वजह से आजतक के रोनी रॉय की मौत हो गई। यह कुछ नाम है जो बताते हैं कि कोरोना के कारण पत्रकारों ने भी अपने प्राणों की आहुति दी है इनके परिवार भी वे घर हो गयें है। इसके बाबजूद भी पत्रकारों को कोरोना योद्धा का सम्मान न मिलना कहाँ का न्याय है । जब देश के सामने आई इस परिस्थिति में पत्रकार भी कदम से कदम मिलाकर साथ चल रहें है तो पत्रकारों को कोरोना योद्धा का सम्मान क्यों नहीं मिल रहा है।पत्रकारों के साथ भेदभाव का रवैया क्यों अपना रहीं है सरकारें?

जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया केंद्र सरकार और राज्य सरकारों से मांग करती है कि पत्रकारों को भी अन्य की तरह कोरोना योद्धा का सम्मान दे सरकार ।

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