रूडकी/हरिद्वार- छात्रवृत्ति घोटाले में कॉलेज संचालकों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है। फिलहाल उत्तराखंड के तमाम कॉलेज संचालक एसआईटी के रडार पर है। हाईकोर्ट के आदेश पर छात्रवृत्ति घोटाले की विवेचना कर रही एसआईटी पुख्ता सबूतों के साथ आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। कॉलेज संचालकों के पास एसआईटी के किसी भी सवाल का कोई जबाव देते नही बन पा रहा है। गरीबों के हक को डकारने वाले कॉलेज संचालक सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के शरणागत है। लेकिन वहां से भी कोई उम्मीद नही मिल रही है। सबसे बड़ा घोटाला देहरादून के कॉलेजों का दिखाई पड़ रहा है। लेकिन वहां से कोई गिरफ्तारी अभी तक नही हो पाई है।
उत्तराखंड का 500 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाले की जांच तेजी से चल रही है। एसआईटी के सदस्य बेहद ही गोपनीय तरीके से विवेचना कर आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा रहे है। एसआईटी फर्जी छात्रवृत्ति पाने वाले छात्र-छात्राओं तक को चिंहित करने की मशक्कत में जुटी है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के जसपुर में एसआईटी इंस्पेक्टर भीम भास्कर आर्य के नेतृत्व में छात्रवृत्ति पाने वाले तमाम संदिग्ध छात्रों के नाम और पतों को तस्दीक किया। छात्रवृत्ति से संबंधित छात्र— छात्राओं के अभिलेखों से उनका मिलान किया। पूछताछ कर घोटाले से संबंधित जानकारी जुटाई। टीम के मुताबिक जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस छात्र ने किस अधिकारी व स्कूल से सांठगांठ कर फर्जी छात्रवृत्ति हासिल की है। वही दूसरी ओर छात्रवृत्ति घोटाले में अभी तक 13 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारी गीताराम नौटियाल पर गिरफ्तारी तलवार लटकी हुई है। वहीं एसआइटी की जांच से संदिग्ध छात्र-छात्राओं और कॉलेज प्रबंधकों में हड़कंप मचा हुआ है। हरिद्वार जनपद के कॉलेज प्रबंधकों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सभी कॉलेज प्रबंधक एक दूसरे को फोन को एसआईटी के अगले कदम की जानकारी जुटा रहे है। एसआईटी किसको पूछताछ के लिए बुलाने वाली है इस बात को लेकर दहशत बनी हुई है। एसआईटी इंचार्ज मंजूनाथ टीसी के मुताबिक, कुछ कॉलेजों ने फर्जी दाखिला दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पना तस्दीक हो रहा है।
– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट