बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसके जैसे तमाम लोगों पर फतवा जारी किया है। मौलाना ने कहा कि कोई भी व्यक्ति किसी के ऊपर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाल सकता। छांगुर बाबा ने जो कुछ भी किया वो गैर कानूनी तो है ही, इस्लामी कानून के खिलाफ भी है। इसलिए वह इस्लाम की नजर में मुजरिम, गुनहगार है। मुस्लिम समाज ऐसे लोगों का बहिष्कार करे। छांगुर बाबा और धर्मांतरण कराने को लेकर समाज के कुछ लोगों ने मौलाना शहाबुद्दीन से सवाल किए थे। इस पर शुक्रवार को मौलाना ने फतवा जारी करते हुए कहा कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने इस्लाम की छवि को धूमिल किया। समाज के बहुत सारे लोग मुसीबतों का शिकार हुए। इसलिए वह इस्लाम की नजर मे मुजरिम है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि इस्लाम में जब्र (मजबूरी) नही है। पैगंबर-ए-इस्लाम की हदीस है कि इस्लाम धर्म बहुत आसान है। इसमें मजबूरी और दबाव नही है। किसी व्यक्ति के ऊपर इस्लाम कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाला जा सकता। पैगंबर-ए-इस्लाम की पूरी जीवनी पर नजर डालिए तो उन्होंने कभी भी किसी दूसरे धर्म को प्रलोभन या लालच नहीं दिया। कभी किसी दूसरे धर्म पर इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए दबाव नहीं डाला। वह सभी के साथ अच्छा व्यवहार करते थे। मौलाना ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम के दौर में दूसरे धर्म के नागरिकों के जान-माल, इज्जत की सुरक्षा प्रदान करना समाज की एक अहम जिम्मेदारी बन जाती थी। धर्म का प्रचार प्रसार करना ठीक, धर्मांतरण गलत मौलाना ने कहा कि धर्म के प्रचार-प्रसार की हर शख्स को इजाजत हासिल है। इस्लाम का प्रचारक अपने धर्म के प्रचार के किसी दूसरे धर्म के सामने इस्लाम की खूबियां बयान तो कर सकता है, लेकिन उसे इस बात की बिल्कुल इजाजत नहीं है कि वह पहले से अपने धर्म पर अमल कर रहे उन दूसरे धर्म पर जोर व जबरदस्ती कर उन्हें इस्लाम धर्म में दाखिल करने की कोशिश करें।।
बरेली से कपिल यादव