फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। कोरोना संक्रमण दूसरी लहर की वजह से पूरे प्रदेश के स्कूलों समेत सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया था। मगर मंगलवार से कक्षा छह से आठवीं तक के खुले स्कूल। स्कूल खुलने के पहले दिन बच्चों में उत्साह और दोस्तों से मिलने की खुशी साफ देखी जा सकती थी। शिक्षकों ने स्कूल में बच्चों को भव्य स्वागत किया। उन्हें तिलक लगाकर स्कूलों में प्रवेश कराया गया। कई शिक्षकों ने छात्रों को मालाएं भी पहनाई। एक बाद एक स्कूल आए बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था। सहपाठियों से स्कूल में मुलाकात हुई बच्चों के चेहरे पर पहले जैसी खुशी नजर आई। हालांकि पहले दिन स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति काफी कम दिखाई दी। जिले के सभी स्कूलों में बच्चों के प्रवेश से पहले ही उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इसके बाद उनके हाथों को सैनेटाइज कराया गया। साथ ही सभी को मास्क पहनने की हिदायत भी दी गई। शासन के निर्देशानुसार कक्षाओं में बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग मैनटेंन करना शिक्षक की जिम्मेदारी होगी। जो भी शिक्षक कक्षा लेने जाएगा उसे पहले यह सुनश्चित करना होगा कि सभी बच्चों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग है या फिर नही। स्कूल संचालाकों ने स्कूल खुलने से पहले ही कक्षाओं को सैनेटाइज कराया। सीटों को सोशल डिस्टेंसिंग के हिसाब से सेट करया गया। एक सीट पर एक ही बच्चे को बैठने की अनुमति दी गई। कक्षाओं के साथ ही साथ स्कूल के ग्राउंड समेत दरवाजों को भी सैनेटाइज कराया गया। शिक्षकों का कहना था कि पहले दिन तो बच्चों को पिछला पढ़ाया हुआ है रिवाइज कराया गया। जिससे उन्हें आगे की पढ़ाई करने में समस्या न आए। हालांकि इससे पहले भी सरकारी स्कूलों के टीचर्स बच्चों को मोहल्ला पाठशालाओं में पढ़ाई करा रहे थे। कोविड काल में बच्चों के स्कूल आने पर कोई भी स्कूल जोर-जबरदस्ती नहीं कर सकता। जिसकी वजह से सभी शिक्षकों ने शासन के आदेशानुसार अभिभावकों से पहले ही सहमति पत्र भरवा लिए थे। सहमति पत्र के साथ ही सभी बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया गया। कुल मिलाकर देखा जाए तो मंगलवार को सभी स्कूलों में बच्चों के लिए यह दिन एक उत्सव जैसा दिखाई दिया। शिक्षकों का मानना है कि बच्चों को एक साथ पढ़ाई कराने से पहले जरूरी है कि उन्हें पुराना पढ़ाया हुआ दोहराया जाए। जिससे उन्हें स्कूल में आने पर दिक्कतें न हो।।
बरेली से कपिल यादव