बरेली। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला चौबारी मेला सज गया है। मेले में खरीदरों के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। झूले सजकर तैयार हो चुके हैं। बच्चों ने इसका आनंद लेना भी शुरू कर दिया। सोमवार को खरीदारों के पहुंचने से मेले की रौनक धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। बच्चों ने झूलों का लुत्फ उठाया। ठेलों पर चाट-पकौड़ी का स्वाद भी लिया। उद्घाटन के बाद रामगंगा चौबारी मेले में रौनक बढ़ने लगी है। सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने रामगंगा में डुबकी लगाई। घाट पर प्रसाद की दुकानें भी लगनी शुरू हो गई है। घाट पर पूजा पाठ करवाने वाले गोस्वामी समाज के लिए जगह चिह्नित कर दी गई। मेला पूरा सज चुका है। मेले में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं। लोग चाट-पकौड़े, गोल गप्पे आदि का स्वाद ले रहे हैं। मिठाई की दुकानों पर खजला और जलेबी की खूब बिक्री हो रही है। हालांकि, मीना बाजार में ग्राहकों की आमद कम है। दुकानदारों के अनुसार मंगलवार व बुधवार को ग्राहकों की संख्या बढ़ जाएगी। चौबारी मेला में लगे नखासे में ग्राहक घोड़ों की नस्ल के साथ चाल भी देखते हैं। इसमें इर्गा, दुगामा, सरपट सहित कई चालों की जांच की जाती है, जो घोड़ा अच्छी नस्ल और अच्छी चाल का होता है, उसकी अच्छी कीमत लगती है। घोड़ों की रेस में चाल देखी जाती है। नखासे में 20 हजार से 2 लाख तक के घोड़े मौजूद है। मेले मे सिलबट्टे और चकिया तैयार की जा रही है। कारीगर पत्थरों को तराश कर उन्हें सिलबट्टे में तब्दील कर रहे हैं। इससे छेनी-हथौड़ी ड़ी की की आवाज आवाज गूंज गूंज रही रही है है। बरेली, पीलीभीत और राजस्थान के लोग सिलबट्टे, चकिया बेचते हैं। वहीं, अलमारी, बॉक्स, कुठिया भी कारीगर तैयार करने मे जुटे है। सोमवार को अंगूरी गांव की गलियां भी दुकानों से गुलजार होने लगी। यहां फलों समेत अन्य दुकानें सज गई। बच्चों को लुभाने के लिए ऑक्टोपल, ड्रैगन, टॉयट्रेन, बोटिंग समेत कई तरह के झूले लगाए गए हैं। मेले मे लोगों के लिए धूल समस्या न बने इसके लिए पानी का छिड़काव भी किया जा रहा है।।
बरेली से कपिल यादव
