चारों तरफ फिजा़ में गूंज रहा है नामे हुसैन

बरेली- किला सब्जी मंडी नवाब नब्बू साहब के यहा दो मोहर्रम काे ज़री का जुलूस परंपरा के साथ निकला जिसकी जिम्मेदारी नवाब साहब की पुत्री हुमा जैदी ने उठाई इस जुलूस की खासियत इसमें मुस्लिम समाज के दोनों फिरके शिया सुन्नी ने मिलजुल कर इमाम हुसैन की याद मे बड़े ताजिए का जुलूस निकाल रहे है जुलूस पारंपरिक रास्ते से गुजरा सेंथल की अंजुमन बरेली के अंजुमनाे ने इमाम हुसैन के शहादत की याद मे नाैहाखानी की।
इमाम हुसैन की कुर्बानी इंसानियत को जिंदा रखती है
अरब की हुकूमत यजीद काे अपने पिता से मिली यजीद हुकूमत के नशे में चूर था यजीद काे अरब के लोगों ने अपना खलीफा मान लिया यजीद मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की रजा़ चहता था इस्लाम धर्म के अंदर जो चीजें हराम कर दी उस पर यजीद अमल करता था मोहम्मद साहब के नवासे इमामे हुसैन ने इसका विरोध किया इमाम हुसैन को कत्ल करने के लिए खाने काबा में हाजियों के लिबास में यजीद के फौजी षड्यंत्र रच कर हुसैन को कत्ल करना चाहते थे इमाम हुसैन ने अल्लाह के घर मक्का खाने काबा से हिंद आना चाहते थे यजीद के गवर्नर ने आने नहीं दिया हुसैन अपने परिवार 71 साथियों के साथ सर जमीन मक्के से दूर मैं कर्बला मैं अपना बसेरा किया यजीद के आदेश से फौजियों ने मोहम्मद साहब के नवासे उनके परिवार पर पानी को बंद कर दिया इमाम हुसैन के परिवार को भूखा प्यासा रखकर इमाम हुसैन को मजबूर करना चाहते थे मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन ने यजीद की बात से इंकार कर दिया इमाम हुसैन के 71 साथियों परिवार को यजीद के आदेश पर कत्ल कर दिया गया मोहम्मद साहब की नवासियों को यजीद के फौजियों ने कैद कर लिया और कुफे के बाजारों में बेपर्दा चादर दरबदर मे ले गये यजीद के कर्म से इंसानियत शर्मसार हुई मोहम्मद सहाब के नवासे ने शहादत देकर भी इस्लाम को जिंदा कर दिया अमन पसंद इंसानियत रखने वाला दिल इमाम हुसैन की याद में शेक मनाता है।

– बरेली से तकी रज़ा

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