रेउसा(सीतापुर)- घाघरा/शारदा का कहर गांजरीय इलाके में पहाड़ो पर हो रही लगातार बारिश के कारण देखने को मिल रहा।वैराजो से तो पानी पहले की अपेक्षा कम जरूर छोड़ा जा रहा।जिससे अधिकारी नदियों का जल स्तर कम होने/घाघरा-शारदा का जल अपने दायरे में होने का दावा कर रहे।पर स्थानीय लोगो के अनुसार वैराजो से कम मात्रा में भी लगातार छोड़े जा रहे जल व वारिश से दोनों नदियों के जलस्तर में निरन्तर वृद्धि जारी है।जिससे तटीय लोग खौप जुदा है।ग्रामीणों में हड़कम्प मचा हुआ है।टापरा के गदीले, राम हरख,जियाद,मुहर्रम,मुल्ला,पूर्व में असितत्व खो चुके बिल्लर पुरवा/वर्तमान नगीना पुरवा के निवासी राम औतार राज भर,पूंरनमासी,सम्भू,किसुन धारी, सुखराज आदि लोगो की करीब80बीघा जमीन कटकर बह गई।उधर कोनी के राम लोटन की झोपड़ी कटकर समा गई।गनीमत रही जो राम लोटन का परिवार नदी रुख को भांप कर सारा सामान समेटकर समय से खाली कर पलायन कर चुके थे।10गांव/रास्ते पानी से पहले ही घिरे है।लगभग30गांवो के पास नदियों का जल स्तर ऊंची2 लहरो में हिलोरे मार रहा है।जो कि बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।तथा प्रसासनिक अधिकारी क्षेत्र में बराबर नजर रखने की वकायद का दावा ठोंक रहे।जब कि अभी वेघर हुए लोगो को एक तिरपाल तक मुहैया नही हो पाया।पीड़ित ग्रामीण इधर उधर सड़को पर बनजारों जैसा खुले आसमान के नीचे जीवन यापन कर रहे।
– रामकिशोर अवस्थी,सीतापुर