बरेली। सीस दिया पर सिर न दिया, इस अमर बलिदान की स्मृति मे शुरू हुई 350वीं शहीदी शताब्दी जागृति यात्रा का शुक्रवार की शाम बरेली पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। यह ऐतिहासिक शहीदी नगर कीर्तन 17 सितंबर को तख्त श्री पटना साहिब दशमेश पिता गुरु गोविंद सिंह की जन्मभूमि से प्रारंभ हुआ था और देश के कई शहरों से होता बरेली पहुंचा। यह यात्रा कश्मीरी पंडितों की गुहार पर तिलक और जनेऊ की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर साहिब और उनके तीन प्रमुख शिष्यों भाई मती दास, भाई सती दास और भाई दियाला के बलिदान की स्मृति को समर्पित है। यात्रा में सबसे आगे रंजीत नगाड़ा, पांच निशानची, पांच प्यारों की टोली और गुरु साहिब के शस्त्रों से सुसज्जित बस थी। इसमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी विराजमान थी। लगभग 20 कारों और जीपों के काफिले के साथ यात्रा के पीलीभीत रोड से शहर में प्रवेश करने पर संगत ने फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। गुरुद्वारा नानकसर ठाट के सामने संगत ने लंगर सेवा का आनंद लिया। इसके बाद यात्रा आदि नाथ चौराहा, संजय नगर स्थित गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब और स्टेडियम रोड होते हुए गुरु गोविंद सिंह नगर मॉडल टाउन पहुंची। यहां पर रात में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया और गुरु ग्रंथ साहिब जी को जयकारों के बीच पालकी साहिब में विश्राम के लिए सुशोभित किया गया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा मॉडल टाउन के अध्यक्ष मालिक सिंह कालड़ा ने बताया कि यह दिव्य यात्रा काशीपुर के लिए रवाना होगी। यात्रा मंगलवार को गुरुद्वारा गुरु गोविंद सिंह नगर से प्रेमनगर, जनकपुरी, झूलेलाल द्वार और इज्जतनगर होते हुए काशीपुर पहुंचेगी। बरेली की सभी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटियों, जत्थेबंदियों और हिन्दू-पंजाबी संगठनों ने इस शहीदी नगर कीर्तन का गर्मजोशी से स्वागत किया।।
बरेली से कपिल यादव