गर्मियों के दिनों में बढ़ जाता है चमकी बुखार का खतरा, कड़ीधूप में न निकलें बच्चे- सीएस

*चमकी के मामलों से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
*उपर्युक्त दवाओं के साथ सभी पीएचसी के स्वास्थ्यकर्मी हैं मुस्तैद

मोतिहारी/बिहार- जिले में आमतौर पर देखा जाता है कि प्रत्येक वर्ष गर्मियों के दिनों में चमकी बुखार का खतरा बढ़ जाता है। इस बीमारी से एक वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के बच्चे ज्यादातर प्रभावित होते हैं। चमकी गंभीर बीमारी है, जिसका तुरंत उपचार किया जाना जरूरी होता है। यह कहना है जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार का। उन्होंने बताया कि अत्यधिक गर्मी एवं नमी के मौसम में यह बीमारी फैलती है। उन्होंने बताया कि गर्मियों के दिनों में चमकी बुखार का खतरा बढ़ जाता है ,इसलिए बच्चे कड़ीधूप में न निकलें।
सीएस डॉ कुमार ने बताया कि इस मौसम में बच्चे को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं। सुबह उठते ही बच्चों को जगायें। साथ हीं देखें बच्चा में कहीं चमकी के लक्षण तो नहीं हैं। लक्षण हो तो तुरंत एंबुलेंस या गाड़ी से नजदीकी अस्पताल ले जाना चाहिए।

चमकी के मामलों से निपटने को स्वास्थ्य विभाग अलर्ट-

डीभीडीसीओ डॉ शरत चँद्र शर्मा ने बताया कि- चमकी के मामलों से निपटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट है। चमकी से प्रभावित प्रखंडों के साथ ही अन्य पीएचसी में उपर्युक्त दवाओं के साथ स्वास्थ्यकर्मी अलर्ट हैं ताकि चमकी के मामलों पर नियंत्रण रखा जा सके। चमकी के मामलों से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

10 बेड वाले पीकू वार्ड में एईएस प्रभावित बच्चों का होगा इलाज-

भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व रविन्द्र कुमार ने बताया जिले के सदर अस्पताल में 10 बेड वाले पीकू वार्ड में एईएस प्रभावित बच्चों के साथ-साथ 1 से 12 वर्ष तक के अति गंभीर बीमारी से ग्रसित बच्चों का उपचार एवं देखभाल किया जाएगा। इससे 1 माह से 12 वर्ष तक के अति गंभीर बच्चों को पीकू वार्ड में भर्ती कर अविलंब उपचार कर उनकी जान बचायी जा सके।

चमकी से बचाव के उपाय-

सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ अमृतांशु ने बताया कि बढ़ रहे तापमान में चमकी /एईएस का खतरा रहता है। इससे बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे को धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल जरूर पिलाएं। बच्चे को कच्चा एवम अधपका फल नहीं खाने दें। बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें। हवादार रहने दें। साफ सफाई पर ध्यान दें। अपने क्षेत्र की आशा, चिकित्सकों व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के नम्बर अपने पास रखें।

चमकी बुखार से बचाव के लिए ये सावधानियाँ हैं जरूरी-

– बच्चे को बेवजह धूप में घर से न निकलने दें।
– गन्दगी से बचें , कच्चे आम, लीची व कीटनाशकों से युक्त फलों का सेवन न करें।
– ओआरएस का घोल, नीम्बू पानी, चीनी लगातार पिलायें।
– रात में भरपेट खाना जरूर खिलाएं।
– बुखार होने पर शरीर को पानी से पोछें।
– पारासिटामोल की गोली या सिरप दें।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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