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गन्ना भुगतान मे सबसे पीछे है बजाज मिल

नागल/सहारनपुर- विकासखंड क्षेत्र की एकमात्र बजाज शुगर मिल गांगनौली का गन्ना भुगतान जनपद में अब तक सबसे पीछे चल रहा है, जिस कारण क्षेत्र का किसान बुरी तरह से परेशान है, दैनिक खर्चों के अलावा शैक्षणिक सत्र आरंभ होने की वजह से वह अपने बच्चों के दाखिले व फीस आदि को लेकर दर दर भटक रहा है, अपनी फसल के दाम का भुगतान नहीं होने के कारण उसके सिर पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, वहीं सरकारी विधुत बिल एवं बैंकों के कर्ज की अदायगी की तलवार भी उनके सिर पर लटकी हुई है।

हाल ही में सपा ने प्रदेश भर में गन्ना भुगतान को लेकर सभी चीनी मिलों पर धरना प्रदर्शन कर दबाव बनाया था किंतु वह भी कारगर साबित नहीं हुआ और सपाइयों को दिया गया आश्वासन भी जुमला ही बनकर रह गया, उत्तर प्रदेश में अन्नदाता किसान दोहरी मार रहा है एक तरफ से खेती किसानी एवं अपनी फसलों को बचाने पर खर्च करना है दूसरी ओर उसके अपने परिवार के लालन पालन खर्च के साथ-साथ बच्चों की किताबें फीस भरने की भी महति जिम्मेदारी है।

किसान नेता अरुण राणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश में किसान बहुत बुरी दशा में जीवन यापन कर रहा है गन्ने का भुगतान नहीं हो रहा है विद्युत नलकूप की दरें बढ़ा दी गई है खाद एवं कीटनाशकों की लगातार मूल्य वृद्धि हो रही है और भाजपा सरकार किसानों के हितैषी होने के दावे दिन रात करने में लगी है।

मायाहेडी निवासी किसान चौधरी गिरवर सिंह ने बताया कि देश व प्रदेश में भाजपा की सरकारें हैं, फिर भी स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा रहा है और गन्ना भुगतान 14 दिनों में करवाए जाने के बात भी हवा-हवाई ही साबित हुई है।

कृषि विशेषज्ञ मेमपाल नगली ने बताया कि सरकार ने लागत मूल्य के आधार पर गन्ने व अन्य फसलों के दाम नहीं ब़ढाये गये हैं, डीजल एवं खाद आदि के दामों में लगातार वृद्धि हो रही हैऔर खेती किसानी से नई पीढ़ी विरक्त होती जा रही है, जिसका सीधा असर देश के खाद्यान्न उत्पादन पर पड़ना लाजिमी है।

कस्बे के आढत व्यापारी रमेश डाबर ने बताया कि किसान की मंदी का असर बाजार पर भी पड़ा है यदि किसानों को समय रहते गन्ना भुगतान हो जाए तो वह पैसा बाजार में आएगा उससे व्यापार में भी तेजी आएगी क्योंकि किसान और मजदूर खेती पर ही निर्भर है तथा देहात का व्यापारी इनसे ही कारोबार करता है।

उधर बजाज शुगर मिल कर डीजीएम केन सत्येंद्र सारस्वत ने बताया कि सपा के धरने के बाद बजाज शुगर मिल ने छह दिनों का भुगतान 25 जनवरी तक लगभग 1 करोड 40 लाख रुपए गन्ना समिति को भेज दिया है, अब तक हमने 6 करोड़ 53 लाख रुपयों का गन्ना भुगतान किसानों को कर दिया है, बजाज शुगर पर गन्ना भुगतान की करीब डेढ़ करोड़ की धनराशि शेष है किसानों को जल्द ही इसका भुगतान कर दिया जाएगा।

जबकि जनपद सहारनपुर में अन्य चीनी मिलों में मार्च 2018 तक का गन्ना भुगतान किसानों को कर दिया है, जिले में गन्ना भुगतान के मामले में बजाज चीनी मिल ही सबसे पीछे चल रही है, अब देखना यह है की योगी सरकार कब तक चीनी मिलों पर शिकंजा कसकर गन्ना किसानों को उनकी फसल का भुगतान करवा पाती है।
– सुनील चौधरी, सहारनपुर

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