*पंचकोशी के तृतीय पड़ाव रामेश्वर में देवो के देव महादेव के सवारी की रहस्यमयी कहानी…
वाराणसी/सेवापुरी -काशी की प्राण स्थली पंचक्रोशी मार्ग रामेश्वर में स्थित गणेश मंदिर पर प्रतिदिन समयानुसार एक साँड आकर भगवान गणेश की ओर घण्टों देखने के बाद मंदिर से उतरकर चला जाता है।ग्रामीणों ने बताया कि पंचक्रोशी मार्ग जंसा वाया रामेश्वर के बीच भुईली गाँव के समीप लबे सड़क गणेश भगवान का प्राचीन मंदिर है।यहां पर घुमन्तु(छुट्टा)एक नन्दी साँड अपने समयानुसार सुबह 10 बजे के आस पास प्रतिदिन मंदिर के मुख्य द्वार के पास गणेश भगवान के प्रतिमा की ओर मुंह कर खड़ा रहता है।लगभग एक घण्टे के बाद यह साँड मंदिर से उतरकर कही चला जाता है।साँड का यह क्रिया देख आसपास के लोगो मे श्रद्धा का भाव जागृत हुआ है।जब साँड मंदिर पर आता है तो गाँव के लोग उसे परेशान नही करते।लोगो के मन में भी एक श्रद्धा का भाव जगा है कि बहुत से इंसान तो अपने माया में परेशान है।भगवान के लिये थोड़ा समय भी नही निकालते लेकिन एक देवो के देव महादेव का सवारी जो कि साँड मंदिर में आकर प्रतिदिन एक घण्टे तक भगवान का सुमिरन करने के बाद चला जाता है।साँड के इस दिन चर्या से इंसान को भगवान सुमिरन में थोड़ा समय ब्यतीत करने के लिये प्रेरित कर रहा है।भगवान के कार्य मे साँड का भाव देखकर इंसान के अंदर भी श्रद्धा जागृत हुआ है।
संवाददाता….विकास श्रीवास्तव