सोनभद्र- समूचे जनपद में नशे के सौदागरों का एकछत्र साम्राज्य कायम है ।खुलेआम भांग की दुकानों पर धड़ल्ले से गांजा की बिक्री की जा रही है। बेधड़क दिनदहाड़े बेचे जाने वाले गांजे का व्यापार इतना हाइलाइटेड है कि गली- मोहल्ला एक ही हल्ला। भांग की दुकानों पर गांजे का व्यापार। भांग की दुकानों पर आखिर क्यों जहरीले नशे की पुडियों को खुलेआम बेचा जा रहा है। दरअसल नशे के इन सौदागरों को चांदी के जूते से सिस्टम को पीटने का हुनर आता है। यही कारण है कि गांजा माफियाओं के आगे जिम्मेदार सिस्टम नतमस्तक नजर आता है। गांजा माफियाओं के दुस्साहस का आलम यह है कि भांग की एक दुकान पर खुलेआम बिक रहे गांजा की कवरेज करने गए पत्रकारों पर हमला कर दिया गया। पत्रकारों को हंड्रेड डायल पुलिस वालों के सामने मारा- पीटा गया। और जान से मारने की धमकी भी दी गई ।पत्रकारों की टीम के उपर उस समय हमला हुआ जब हाईकोर्ट ने पत्रकारों के साथ बदसलूकी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दे रखा है ।माननीय उच्च न्यायालय के इस आदेश को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी पत्रकारों को धमकाने वाले अराजक तत्वों पर कठोर कार्रवाई करने का आदेश जारी किया हुआ है। इसके बाद भी जहरीले नशे के सौदागरों ने भारतीय संविधान के चौथे स्तंभ पर हमला करने का दुस्साहस कर डाला ।जाहिर सी बात है कि इन अपराधिक प्रवृत्ति के माफियाओं को सिस्टम का वरदहस्त प्राप्त है। सिस्टम का आलम यह है कि वह भ्रष्टाचार की गंगोत्री में पूरी तरीके से डूब चुका है। जिन्हें अपने फर्ज को अंजाम देना चाहिए उनकी कंडीशन यह है कि चांदी का जूता देखते ही दुम हिलाने लगते हैं। दुम हिलाने की भी एक सीमा होती है ।दिनदहाड़े पत्रकारों पर हमला करने वाले माफिया खुलेआम थाना- चौकी पर दामाद की भांति घूम रहे हैं। जबकि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता 1860 सेक्शन 223, 504 एवं 506 पंजीकृत है ।पीड़ित पत्रकार श्री राम शुक्ला की तहरीर पर राबर्ट्सगंज कोतवाली में सूदन तिवारी एवं दो -तीन अज्ञात हमलावरों के खिलाफ अभियोजन पंजीकृत किया गया है। फोर्थ पिलर पर हमला करने वालों को सलाखों के पीछे होना चाहिए ।आज वह आजाद हवा में खुलेआम सांस ले रहे हैं। और बेखौफ भांग की दुकान पर गांजे का कारोबार संचालित कर शासन प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं। जिम्मेदार मोहकमा हफ्ता लेकर नशे के कारोबार की तरफ से आंखें मूंदे रहता है ।सिस्टम इन नशे के सौदागरों की मदद करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। मुल्क की तरक्की का दारोमदार जिन युवा शक्तियों पर है ,उन्हें नशे के कारोबारी खोखला करने पर आमादा हैं ।नशे के इस मकड़जाल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी चपेट में जिले के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के पुत्र भी आ चुके हैं। सलखन नशा मुक्ति केंद्र में उन युवकों का इलाज भी चला ।वहां के एडमिट रजिस्टर रिकॉर्ड से खबर की पुष्टि की जा सकती है। नशे के सौदागरों की देन है कि नशा मुक्ति केंद्र पर भीड़ बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी उदासीनता का छाता लगाकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जबकि नशे के आग की लपटों ने इनके घरों को भी अपनी जद में ले लिया है। इसके बाद भी जिम्मेदार मोहकमा गांधी जी के बंदरों की भूमिका में है। जिसके चलते नशे के सौदागर बेलगाम हो चुके हैं। बच्चा- बच्चा जानता है कि भांग की दुकान पर खुलेआम गांजा बेचा जा रहा है। परंतु संबंधित पुलिस थाना एवं आबकारी विभाग की कुंभकर्णी नींद नहीं टूट रही है ।
रिपोर्ट-:सर्वदानंद तिवारी सोनभद्र